प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोलकाता में एक रैली के दौरान दावा किया था कि टीएमसी के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं और वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं। अब टीएमसी ने इस मामले में पलटवार किया है और पीएम मोदी की शिकायत करते हुए चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में टीएमसी ने प्रधानमंत्री मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। टीएमसी का आरोप है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने राजनैतिक खरीद-फरोख्त को बढ़ावा दिया है और यह कहकर कि टीएमसी विधायक उनके संपर्क में हैं, मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की।
टीएमसी ने अपने इस पत्र में चुनाव आयोग से मांग की है कि ‘वह पीएम मोदी से उनके बयान को लेकर सबूत मांगे और सबूत ना देने की स्थिति में आचार संहिता का उल्लंघन करने और ऐसे उकसाऊ और अलोकतांत्रिक बयानों के लिए उनके नामांकन को रद्द कर दिया जाए।’ वहीं टाइम्स नाउ की एक खबर के अनुसार, मंगलवार को टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी को ‘बेशर्म’ बता दिया। ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी पैसे से नहीं बल्कि ‘खून’ से चलती है। ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी का नामांकन रद्द होना चाहिए क्योंकि यह गैरकानूनी और असंवैधानिक है।
उल्लेखनीय है कि टीएमसी इससे पहले भी पीएम मोदी का नामांकन रद्द करने की मांग कर चुकी है। दरअसल जब पीएम मोदी ने वाराणसी से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, तो उसके बाद टीएमसी ने पीएम मोदी के हलफनामे को गलत बताया था। टीएमसी का कहना है कि हलफनामे में पीएम मोदी ने अपनी पत्नी की संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।
बता दें कि सोमवार को कोलकाता के नजदीक सीरमपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दावा किया था कि “टीएमसी के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं और जब भाजपा यहां से चुनाव जीतेगी तो सभी विधायक आपको छोड़ देंगे। आपकी (ममता बनर्जी) राजनैतिक जमीन आपके पैरों तले से खिसक जाएगी।” प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर वंशवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया और आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अपने भतीजे को राजनीति में स्थापित कर रही हैं। पीएम ने कहा कि कुछ सीटों की बदौलत ‘दीदी’ आप दिल्ली नहीं पहुंच सकती। दिल्ली अभी दूर है। दिल्ली जाना तो बस बहाना है, असल में वह अपने भतीजे को राजनैतिक तौर पर स्थापित करना चाहती हैं।