हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 15 मिनट बहस की चुनौती दी थी जिसपर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार किया है। दरअसल  छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने मोदी को राफेल डील पर 15 मिनट खुली बहस की चुनौती थी दी और कहा था कि मोदी के पास उनके सवालों का जवाब नहीं है। जिस पर ईरानी ने राहुल को चुनौती देते हुए कहा कि, ‘अगर वो चुनौती देना चाहते हैं तो पीएम ऑफिस आ सकते हैं।वह बिना कागज लिए देश के मुद्दों पर बात करें। अगर वो अमेठी की ग्राम पंचायतो के नाम भी गिना दें तो ये बहुत बड़ी बात होगी।’ इसके साथ ही ईरानी ने राहुल पर केले के पौधों को लेकर भी हमला किया।

राहुल को हिंदुस्तान में केले के पौधे नहीं मिले ?

ईरानी ने राहुल की योजानाओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा- मुझे पता चला है कि राहलु यहां केले के विदेशी पौधे लगाने जा रहे हैं। उन्हें हिंदुस्तान में केले के पौधे नहीं मिले क्या ? उन्हें पता होना चाहिए कि केले के एक- दो पौधे लगाने से गरीबी दूर नहीं होगी। गांधी परिवार ने पिछले 60 सालों में अमेठी के विकास के लिए कुछ नहीं किया है। जो गांधी परिवार आज तक नहीं कर सका वो मोदी सरकार ने चार साल में कर दिखाया। भाजपा सरकार ने यहां रोजगार मेला आयोजित करवा कर 7500 लोगों को रोजगार दिलवाया जो राहुल आज तक नहीं करवा सके।

 

 

स्मृति का कांग्रेस पर तीखा हमला
स्मृति ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस एक परिवार विशेष की ही पार्टी है। ये दल देश का विकास नहीं कर सकता।’ इसके साथ ही ईरानी ने अमेठी के किसानों को केले के पौधे बांटने की राहुल की पहल पर तंज कसते हुए कहा- राहुल पूरे देश में आरएसएस और पीएम मोदी की आलोचना करते हैं लेकिन वो केले के पौधे बांटकर खुद संघ के रास्ते पर चल रहे हैं।

 

 

अमेठी दौरे पर हैं स्मृति ईरानी
बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी दौरे पर हैं जहां उन्होंने 77 करोड़ रुपए की विकास की योजानओं का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के वक्त से ही अमेठी की सीट गांधी परिवार से जुड़ी रही है। ऐसे में इस बार इस सीट पर स्मृति ईरानी की नजर है। बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में स्मृति ने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से ही चुनाव लड़ा था हालांकि जीत राहुल गांधी के खाते में दर्ज हुई थी। लेकिन वहीं पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत हासिल हुई थी। चार सीटों में से तीन पर भाजपा और एक पर सपा ने जीत का दबदबा बनाया था और कांग्रेस को करारी चोट हाथ लगी थी।