Sanjay Nirupam: अनुशासनहीनता के आरोपों के बाद कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के एक दिन बाद संजय निरुपम ने गुरुवार को सबसे पुरानी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए। निरुपम ने कहा कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना (यूबीटी) के साथ सीट बंटवारे की बातचीत के बीच पार्टी विरोधी बयान देने के लिए बुधवार को महाराष्ट्र के नेता को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

पूर्व सांसद निरुपम ने एक्स पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए अपने इस्तीफे के मेल का स्क्रीनशॉट साझा किया और लिखा, “ऐसा लगता है कि पार्टी को कल रात मेरा इस्तीफा पत्र मिलने के तुरंत बाद उन्होंने मेरा निष्कासन जारी करने का फैसला किया। ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा। बस यह जानकारी साझा कर रहा हूं।”

पत्रकार से नेता बने (59 वर्षीय) संजय निरुपम ने बाद में मीडिया को संबोधित किया और मुंबई की उत्तर-पश्चिम सीट से ‘खिचड़ी चोर’ अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार बनाने के लिए महाविकास अगाढ़ी (एमवीए) पर हमला किया।

‘जय श्री राम’ से संबोधन की शुरुआत करते हुए निरुपम ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एमवीए ने एक खिचड़ी चोर को अपना उम्मीदवार बनाया। बीजेपी को भ्रष्ट जनता पार्टी कहा जाता था। जब आप एक खिचड़ी चोर को टिकट देते हैं तो आपकी बीजेपी को बुलाने की क्या औकात है? मुझे उम्मीद थी कि मेरी पार्टी इस पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि मैंने रात 10.43 बजे खड़गे जी को अपना इस्तीफा लिखा।

संजय निरुपम ने कांग्रेस को दिशाहीन बताते हुए कहा कि पार्टी में संगठनात्मक ताकत नहीं है। गांधी परिवार और पार्टी आलाकमान पर निशाना साधते हुए निरुपम ने कहा कि कांग्रेस के पास पांच पावर सेंटर हैं। उन्होंने कहा कि सभी पांचों सेंटर- सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल हैं। जिनकी अपनी-अपनी लॉबी हैं और वे एक-दूसरे मिलते हैं।

निरुपम ने आगे कहा कि अब उनका धैर्य खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है। वैचारिक मोर्चे पर भी कांग्रेस खुद को धर्मनिरपेक्ष कहती है। महात्मा गांधी सर्वधर्म समभाव में विश्वास करते थे। सभी विचारधाराओं की एक समय सीमा होती है। धर्म को नकारने वाली नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता ख़त्म हो गई है। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। निरुपम ने आगे दावा किया कि भारत अब ‘पूरी तरह से धार्मिक’ देश बन गया है।

उन्होंने कहा कि यहां तक कि उद्योगपति भी बड़े गर्व के साथ मंदिरों में जाते हैं। वैचारिक और संगठनात्मक रूप से कांग्रेस पार्टी अव्यवस्था की स्थिति में है। कांग्रेस का वास्तविकता से संपर्क टूट गया है। उन्होंने कहा कि आधे लोग पुराने हो चुके हैं और उन्हें खत्म करना होगा।

जब उनसे उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा गया तो पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि वह मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा। मैं यहीं से लड़ूंगा। मैं यहां से जीतूंगा, जो लोग मेरा मृत्युलेख लिखने की योजना बना रहे हैं, मैं उन्हें निराश करूंगा। मैं नवरात्रि के बाद भविष्य की रणनीति तय करूंगा।’

निरुपम के आरोपों पर कांग्रेस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जिससे सीट-बंटवारे पर स्पष्ट मतभेदों के बीच महाराष्ट्र के विपक्षी गुट में और अधिक बेचैनी हो सकती है। इससे पहले उन्होंने अपने एक्स बायो से भी ‘कांग्रेसी’ हटा दिया था।

खड़गे को लिखे अपने इस्तीफे में निरुपम ने लिखा, “मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है और मैं घोषणा करता हूं कि मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना चाहता हूं।”

निरुपम के खिलाफ कार्रवाई तब हुई जब कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने राज्य में पार्टी के सहयोगी और महाविकास अघाड़ी सदस्य शिव सेना (यूबीटी) को निशाना बनाने वाली उनकी हालिया टिप्पणियों के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की। इससे पहले कांग्रेस ने स्टार प्रचारक के तौर पर निरुपम का नाम भी हटा दिया था।

निरुपम के खिलाफ कार्रवाई की मांग तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की बातचीत के दौरान मुंबई में सीटें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को सौंपने के लिए राज्य नेतृत्व को फटकार लगाई।

पूर्व कांग्रेस सांसद मुंबई की उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने के लिए आतुर है। उन्होंने सेना (यूबीटी) द्वारा अमोल कीर्तिकर को मैदान में उतारने पर नाखुशी व्यक्त की थी। संयोग से निरुपम (अविभाजित) शिवसेना से दो बार के पूर्व राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व मुंबई उत्तर लोकसभा सांसद रह चुके हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि निरुपम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा या शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।