Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय सेठ को 8वें प्रत्याशी के रूप में उतारा है। बीजेपी ने उसके लिए छोटे दलों को साधने की कोशिश भी शुरू कर दी है। बीजेपी को उम्मीद है कि छोटे दलों को साथ मिलने से वह यूपी में 8 सीटें जीतने में कामयाब हो सकती है। संजय सेठ के लिए बीजेपी ने वोट मैनेजमेंट शुरू कर दिया है। बीजेपी को इस कोशिश के बाद छोटे दलों के सामने अपने विधायकों के वोट को सही जगह डलवाने की चुनौती बढ़ गई है।

बीजेपी ने कैसे बढ़ाई छोटे दलों की परेशानी

बीजेपी ने चुनाव मैदान में संजय सेठ को उतारकर सारे समीकरण बदल दिए हैं। संजय सेठ पहले समाजवादी पार्टी में कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। सपा ने उन्हें 2016 में राज्यसभा भेजा था। 2019 में राज्यसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें दोबारा उन्हीं से खाली हुई सीट से राज्यसभा भेज दिया। हालांकि 2022 में उनका कार्यकाल खत्म होने से बाद बीजेपी ने उन्हें दोबारा नहीं भेजा।

संजय सेठ को पसंद करने वाले कुछ नेता समाजवादी पार्टी में भी हैं। राजनीतिक दलों को आशंका है कि चुनाव के दौरान क्रॉसवोटिंग हो सकती है। इससे लिए पार्टियां व्हिप जारी करने की तैयारी में हैं। छोटे दल सुभासपा, निषाद पार्टी, रालोद व अन्य दलों के सामने भी अपने वोटों को एकजुट रखने की चुनौती है।

पिछले दिनों रालोद और बीजेपी की नजदीकी के बाद तय माना जा रहा है कि यह बीजेपी के पक्ष में खड़े हो सकते हैं। इसके अलावा सपा में पल्लवी पटेल भी आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। पिछले दिनों पल्लवी पटेल तो खुले आम सपा के प्रत्याशी चयन पर सवाल उठा चुकी हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए प्रथम वरीयता के लिए 37 वोटों की जरूरत होगी। बीजेपी की 7 सीटों पर जीत तय है। 8वें उम्मीदवार के लिए उसे 8 वोटों का जुगाड़ और करना है। ऐसे में बीजेपी छोटे दलों को साथ कर 8वें प्रत्याशी को जिताने की पूरी कोशिश में है।