राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को वोट डाले गए थे। 3 दिसंबर को आने वाले नतीजों से पहले सभी को एग्जिट पोल का इंतजार है। तेलंगाना में आज शाम 5 बजे मतदान खत्म होने के कुछ समय बाद ही मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना एग्जिट पोल के नतीजे आने लगेंगे। जिसके साथ ही किस राज्य में किसकी सरकार बन रही है, इसको लेकर जारी अटकलें भी तेज हो जाएंगी। 3 दिसंबर को नतीजे आने से पहले फिलहाल सभी की निगाहें एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों पर टिकी हैं।
राजस्थान की अगर बात करें तो राज्य में 75 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, जो 2018 के चुनावों की तुलना में थोड़ा अधिक है। राज्य के कुछ हिस्सों में छिटपुट झड़पों को छोड़कर मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। चुनाव आयोग के अनुसार, जैसलमेर जिले के पोकरण में सबसे ज्यादा 81.12% मतदान हुआ। यहां कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद का मुकाबला भाजपा के महंत प्रताप पुरी से है। इसके बाद तिजारा में 80.85% मतदान हुआ, जहां कांग्रेस के इमरान खान का मुकाबला अलवर के सांसद महंत बालकनाथ से है।
मोदी मैजिक या गहलोत की जादूगरी?
कांग्रेस को जहां मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की लोकप्रियता के आधार पर सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद है। वहीं, भाजपा सत्ता में आने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा कर रही है। पीएम मोदी ने कन्हैया लाल की हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित राज्य में कानून-व्यवस्था की चिंताओं को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। गहलोत के अलावा चुनाव बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे के लिए भी महत्वपूर्ण हैं जिन्हें अपनी पूरी कोशिश के बावजूद बीजेपी के सीएम चेहरे के रूप में मंजूरी नहीं मिल सकी।
राजस्थान में 74.96 प्रतिशत वोटिंग
गौरतलब है कि 200 सीटों वाले राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान हुआ था। हालांकि, एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के निधन के चलते 199 सीटों पर ही वोट डाले गए। चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में कुल 74.96 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
वहीं, एग्जिट पोल के नतीजे आने से पहले सीएम गहलोत ने कहा, “एग्जिट पोल चाहे कुछ भी कहें, राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाएगी। बीजेपी 5 राज्यों में से किसी में भी नहीं जीत रही है। लोग हमारी सरकार दोहराएंगे। अशोक गहलोत ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया। उन्होंने कहा कि चुनाव में बीजेपी ने धर्म की आड़ में डरावनी और तनाव भरी बातें कीं।अगर BJP का धर्म का कार्ड चल गया तो अलग बात है। अगर धर्म का कार्ड नहीं चला तो हम सरकार बनाएंगे।