बीजेपी की 124 उम्मीदवारों की दो सूची में पार्टी ने कम से कम 11 ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है, जो प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्य हैं। वहीं, कांग्रेस के 95 उम्मीदवारों में से 18 ऐसे हैं, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने पार्टी नेताओं के करीबी परिजनों को टिकट दिए हैं। राज्य में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि हमारी पार्टी ने विद्रोह से बचने के लिए सावधानीपूर्वक कदम उठाए हैं।

विद्रोह की आशंका टालने के लिए मैदान में उतारे गए रिश्तेदार

विधानसभा चुनावों में विद्रोह की आशंका टालने के लिए नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिए गए हैं। बीजेपी की 124 उम्मीदवारों की दो सूची में पार्टी ने कम से कम 11 ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है, जो प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्य हैं। वहीं, कांग्रेस के 95 उम्मीदवारों में से 18 ऐसे हैं, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है। दोनों दलों ने अभी राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि बगावत से बचने के साथ-साथ 2008 के विधानसभा चुनाव जैसे नतीजे टालने के लिए यह कदम उठाया गया है।

जिनके परिवार में किसी का निधन हुआ है, उन पर खास ध्यान

बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में प्रमुख नेताओं के बेटे, बेटियां, पोतियां और बहुएं शामिल हैं। पार्टी ने उन नेताओं के परिवार के सदस्यों पर उचित ध्यान दिया है, जिनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मौत हो गई।

पार्टी ने दिवंगत सांसद सांवर लाल जाट के बेटे राम स्वरूप लांबा को नसीराबाद सीट से और दिवंगत पूर्व राज्य मंत्री दिगंबर सिंह के बेटे शैलेश सिंह को डीग-कुम्हेर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। लांबा ने 2018 में भी बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। वह इससे पहले अजमेर सीट से लोकसभा उपचुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन तब वह कांग्रेस के रघु शर्मा से 80,000 वोटों के अंतर से हार गए थे।

बीजेपी का टिकट पाने वाले अन्य ऐसे प्रत्याशियों में गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला (देवली-उनियारा सीट), पूर्व सांसद एवं जयपुर के पूर्व शाही परिवार की सदस्य गायत्री देवी की पोती दीया कुमारी (विद्यासागर नगर), पूर्व सांसद करणी सिंह की पोती एवं बीकानेर राजपरिवार की सदस्य सिद्धि कुमारी (बीकानेर पूर्व), पूर्व विधायक हरलाल सिंह खर्रा के बेटे झाबर सिंह खर्रा (श्रीमाधोपुर), पूर्व विधायक धर्मपाल चौधरी के बेटे मंजीत चौधरी (मुंडावर), पूर्व सांसद नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा (नागौर), पूर्व विधायक गौतम लाल मीणा के बेटे कन्हैया (धरियावद), पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी (राजसमंद) और पूर्व विधायक श्रीराम भींचर की बहू सुमिता (मकराना) शामिल हैं।