कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया था। राहुल ने दिन की शुरुआत काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के साथ की थी। दर्शन के बाद गले में रुद्राक्ष की माला पहने राहुल ने गोदौलिया चौराहे पर एक सभा को भी संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि वह गंगा जी के सामने अपना सिर झुकाकर आए हैं।
राहुल ने कहा, “मैं यहां आया मंदिर में मैंने माथा टेका। मैं गंगा जी को प्रणाम करने आया हूं। मैं गंगा जी के सामने यहां अहंकार से नहीं आया हूं। मैं सिर झुकाकर गंगा जी के सामने आया हूं।” हालांकि, राहुल ज्ञानव्यापी मस्जिद परिसर में नहीं गए और न ही इस विवाद पर कुछ बोले। राहुल ने सभा में कहा कि देश को एकजुट करना ही सच्ची देशभक्ति है।
देश तभी मजबूत होगा जब लोग मिलकर काम करेंगे- राहुल
राहुल ने कहा, “देश को एक साथ रखना, एकजुट करना, जोड़ना ही देश की भक्ति है। देश तभी मजबूत होगा जब लोग मिलकर काम करेंगे।” उन्होंने कहा कि यात्रा में कई लोग उनसे मिलने आते हैं और इसलिए जब उनकी टीम ने उनसे पूछा कि क्या करना है तो मैंने कहा कि जो भी आए उसे लगना चाहिए अपने घर आया हूं, अपने भाई से मिलने आया हूं।
इस बीच, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया कि जब राहुल काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करने गए तो उनके साथ कैमरे की अनुमति नहीं थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा के दौरान राहुल के साथ कैमरे ले जाने की अनुमति आखिरी पल में रद्द कर दी गई। कांग्रेस ने कहा कि यह वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से ओछी हरकत थी। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए पार्टी ने आरोप लगाया कि ऐसा करके जिला प्रशासन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह दिल्ली में बैठे ‘कैमराजीवी’ के कर्मचारी से ज्यादा कुछ नहीं है।
कांग्रेस ने मंदिर में कैमरा न ले जाने देने का लगाया आरोप
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इस दौरान कहा, “बीजेपी के सभी नेता जब काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करने आते हैं तो उन्हें कैमरे के साथ प्रवेश की इजाजत दी जाती है। राहुल गांधी के साथ किसी भी कैमरे की अनुमति नहीं थी और अब तक प्रशासन द्वारा कोई तस्वीर जारी नहीं की गई है।”
राहुल ने मीडिया के एक वर्ग पर भी अपना हमला करते हुए कहा था कि वे केवल अभिनेताओं को नाचते हुए दिखाएंगे और 24 घंटे पीएम मोदी को दिखाएंगे, लेकिन मजदूरों या किसानों के मुद्दों को नहीं दिखाएंगे। कुछ नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि इन चैनलों का स्वामित्व अडानी जी, अंबानी जी के पास था।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिणी तहखाने में पूजा की अनुमति
दरअसल, हाल ही में वाराणसी की एक अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिणी तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को छोड़कर कांग्रेस और विपक्षी INDIA गठबंधन की अधिकांश पार्टियों ने इस मामले पर चुप्पी बनाए रखी है।
