राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश तेज कर दी है। इसकी एक बानगी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के शपथ ग्रहण समारोह में दिखी। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने जयपुर पहुंचे विपक्षी दलों के सभी नेता एयरपोर्ट से एक बस में सवार होकर कार्यक्रम स्थल अल्बर्ट हॉल पहुंचे। एक ओर जहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी एक साथ बैठे थे तो दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के संरक्षक शरद यादव गुफ्तगू करते नजर आए। वहीं, एमके स्टालिन राहुल गांधी के पीछे वाली सीट पर बैठे तो अन्य नेता भी उसी बस में सवार थे। सभी नेता एयरपोर्ट से समारोह स्थल एक साथ पहुंचे।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद राहुल गांधी ने एयरपोर्ट से बस पर सवार होकर एक साथ समारोह स्थल तक पहुंचने की तस्वीर अपने ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट की और लिखा, “कांग्रेस पार्टी पर विश्वास करने के लिए राजस्थान वासियों का हृदय से आभार। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को उनके संघर्ष के सफल होने पर हार्दिक बधाई। राजस्थान की सेवा करना कांग्रेस पार्टी के लिए गौरव की बात है। हम अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाएंगे।”

विपक्षी एकता की दूसरी झलक अल्बर्ट हॉल में भी देखने को मिली। सजे भव्य मंच से भले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली हो लेकिन यह मंच एक अन्य बड़े राजनीतिक दृश्य का गवाह बना और वह है विपक्ष की एकजुटता। राहुल यहां विपक्षी एकजुटता की धुरी बनते नजर आए। वहीं दूसरे विपक्षी दलों के आला नेताओं की शिरकत ने भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यापक गठबन्धन से जुड़ी कांग्रेस की उम्मीदों को पर लगाने का काम किया।

शपथ ग्रहण में राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के नेता एन चंद्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी शामिल हुए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भूपेंद्र हुड्डा, सिद्धरमैया, आनंद शर्मा, तरुण गोगोई, नवजोत सिंह सिद्धू, अविनाश पांडे सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे।

गत मई महीने में कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद यह दूसरा मौका था जब विपक्षी दलों के नेता इस तरह एक मंच पर नजर आए। विपक्षी एकजुटता का यह नजारा उस वक्त दिख रहा है जब तीन राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी राजनीतिक हैसियत की लिहाज से पहले की तुलना में खुद को बहुत बेहतर स्थिति में महसूस कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इन तीनों राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद विपक्षी एकजुटता के साथ राहुल गांधी के कद में इजाफा साफ तौर पर दिख रहा है। वैसे, इसकी बानगी शनिवार को भी तमिलनाडु में देखने को मिली जब द्रमुक नेता स्टालिन ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने पैरवी की। (एजेंसी इनपुट के साथ)