पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अंतिम चरणों में पहुंच चुका है। इसी बीच कांग्रेस 2017 में मोगा में गुरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति के घर पर अरविंद केजरीवाल के रुकने को लेकर हमला बोल रही है। गुरुवार को एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप नेताओं को आतंकवादियों के घरों में देखा जा सकता है। वहीं बीजेपी और उनके सहयोगी अमरिंदर सिंह भी कह रहे हैं कि अलगाववादी तत्व आम आदमी पार्टी को जीतते हुए देखना चाहते हैं। अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी आप पर कट्टरपंथियों से सांठगांठ रखने का आरोप लगाया है।

तो आइये जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल जिस गुरिंदर सिंह के घर पर रुके आखिर वह कौन है? गुरिंदर सिंह इंग्लैंड का नागरिक है और वह अधिकांश समय इंग्लैंड में ही रहता है। लेकिन मोगा जिले में उसके पैतृक गांव घाल कलां में भी उसका एक घर है, जो वह किराए पर देता है। 2017 में केजरीवाल जब उसके घर में रुके तो गुरिंदर वहां मौजूद नहीं था। गुरिंदर का नाम 1997 में मोगा जिले के बाघापुराना में एक मंदिर के पास हुए बम धमाके से भी जुड़ा था। गुरिंदर पर खालिस्तान कमांडो फोर्स के एक मॉड्यूल का हिस्सा होने का आरोप भी था, जिसने इस विस्फोट को अंजाम दिया था। हालांकि कोर्ट ने गुरिंदर को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। 2008 में भी गुरिंदर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था लेकिन अदालत ने उसे इन मामलों में भी बरी कर दिया।

2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान जब आप ने पंजाब में अपनी शुरुआत की। तो अरविंद  केजरीवाल ने इसको लेकर राज्य भर में बड़े पैमाने पर यात्रा की। इस दौरान वे अपने समर्थकों के घरों या पार्टी की तरफ से प्रबंध किए गए घरों पर रुके। 2017 के चुनाव में 29 जनवरी को अरविंद केजरीवाल गुरिंदर के घर पर रूके। इसके दो दिन बाद ही बठिंडा जिले के मौर मंडी में दो बम विस्फोट हुए, जिसमें सात लोग मारे गए। शुरू में जैसे ही पुलिस ने इस हमले खालिस्तानी समूह के शामिल होने की बात कही तो कांग्रेस और अकाली दल ने इसको तुरंत केजरीवाल के द्वारा गुरिंदर के घर जाने और उसपर लगे आतंकी गतिविधियों के आरोप से जोड़ दिया।

विश्लेषकों का मानना ​​है कि इस विवाद से आप को नुकसान पहुंचा और कांग्रेस 4 फरवरी को हुए मतदान में आगे निकल गई। आप के विपक्षियों ने यह भी प्रचारित किया कि कैसे मौर बम विस्फोट के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग पर आप कभी मुखर नहीं रही। आप की भूमिका को लेकर असमंजस में सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ। हालांकि पुलिस की जांच में बाद में पता चला कि मौर विस्फोट से खालिस्तानी का कोई संबंध नहीं था। लेकिन इस मामले में डेरा सच्चा सौदा की भूमिका को लेकर जांच अभी जारी है।

हालांकि आम आदमी पार्टी ने राहुल गांधी के आरोप पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन 2017 में आप के पंजाब प्रभारी रहे संजय सिंह ने विपक्षियों पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दिल्ली के सीएम केजरीवाल का रात्रि प्रवास सहित सभी कार्यक्रम पंजाब पुलिस और खुफिया विभाग को पहले ही भेज दिया गया था और यह पुलिस का कर्तव्य था कि अगर कुछ भी आपत्तिजनक था तो हमें सूचित करते। संजय सिंह ने यह भी दावा किया था कि एक स्थानीय थाना प्रभारी और संयुक्त आयुक्त स्तर का अधिकारी भी मकान में किराए पर रह रहा था तो क्या वे भी आतंकवादी हैं? हालांकि  पुलिस ने उस समय स्पष्ट किया था कि गुरिंदर को अदालतों ने बरी कर दिया है।