PM Narendra Modi Swearing-in Oath Ceremony: एनडीए संसदीय दल के नेता और बीजेपी के फायरब्रांड बन चुके नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं। गुरुवार शाम करीब सात बजे उन्होंने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में पीएम पद की शपथ ली। मोदी ने इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गर्मजोशी से हाथ मिलाया और कुछ बात कर आगे बढ़ गए। पीएम मोदी ने हिंदी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। स्पष्ट जनादेश वाली गैर कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार शपथ लेने वाले वह पहले नेता हैं।
मोदी, एनडीए का नेतृत्व भी कर रहे हैं। समारोह में देश विदेश के विविध क्षेत्रों के गणमान्य लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। मोदी के दूसरे कार्यकाल में उनके अलावा 24 कैबिनेट मंत्रियों, नौ राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) सहित 57 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। मंत्रिपरिषद में राजनाथ सिंह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस.जयशंकर को भी शामिल किया गया। बीजेपी चीफ अमित शाह पहली बार मंत्री बने, जबकि नई सरकार में सुषमा स्वराज, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, राधा मोहन सिंह, महेश शर्मा, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, सत्यपाल सिंह, के.जे.एलफॉन्स, उमा भारती और मनोज सिन्हा शामिल नहीं किए गए।
मोदी सरकार 2.0 से जुड़ी ये हैं रोचक बातें:
कैबिनेट मंत्री – 25
राज्य मंत्री – 24
पहली बार मंत्री बने – 19
अमित शाह पहली बार मंत्री
स्मृति ईरानी सबसे कम उम्र की मंत्री
PM नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण समारोह News Updates
PM Narendra Modi Oath Ceremony: Watch Here
Honoured to serve India! Watch the oath taking ceremony. https://t.co/GW6u0AfmTl
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2019
अमेठी से नवनिर्वाचित सांसद 43 वर्षीय स्मृति ईरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई मंत्रिपरिषद में सबसे कम उम्र की मंत्री हैं। नए मंत्रिमंडल की औसत आयु साठ साल है जबकि मोदी सरकार के पिछले मंत्रिमंडल की औसत आयु 62 साल थी। इससे कहा जा सकता है कि नई सरकार अपेक्षाकृत युवा है। अनुराग सिंह ठाकुर 44 वर्ष, मनसुख मंडाविया और संजीव कुमार बालियान 46 साल के हैं और 47 साल के किरेन रिजिजू सबसे कम उम्र मंत्रियों में शामिल हैं। पहली बार मंत्री बने रामेश्वर तेली और देबाश्री चौधरी दोनों 48 -48 साल के हैं। भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान 73 साल की आयु वाले सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं। तकरीबन यही आयु थावर चंद गहलोत की है और संतोष कुमार गंगवार 71 साल के हैं।
भाजपा अध्यक्ष और अब कैबिनेट मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार शपथ ग्रहण करने को ‘‘ऐतिहासिक’’ करार देते हुये भरोसा जताया है कि देश उनके सक्षम नेतृत्व में नयी ऊंचाइयां हासिल करना जारी रखेगा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण। श्री नरेंद्र मोदी जी को लगातार दूसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई। मैं निश्चिंत हूं कि भारत आपके सक्षम नेतृत्व में नयी ऊंचाइयां हासिल करेगा।’’ उन्होंने कहा कि बीते पांच सालों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में बेमिसाल तरक्की देखी है।शाह ने अन्य 57 मंत्रियों के साथ बृहस्पतिवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
डॉक्टर से राजनेता बने हर्षवर्धन राष्ट्रीय राजधानी के एकमात्र नेता हैं जिन्हें नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। दिल्ली से लोकसभा में सात सांसद हैं। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि पार्टी के दिल्ली इकाई के प्रमुख मनोज तिवारी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। भाजपा दिल्ली इकाई के पूर्व प्रमुख विजय गोयल पूर्व मोदी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। उन्हें भी नई सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। पिछली सरकार में हर्षवर्धन को पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिया गया था। बाद में उन्हें पृथ्वी विज्ञान और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार दिया गया था।
भौतिकी के प्रोफेसर से देश के गृहमंत्री तक का लंबा सफर तय करने वाले राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के ऐसे मजबूत स्तंभ हैं जिनकी पहचान कुशल प्रशासक और राजनीतिक शुचिता का सम्मान करने वाले परिपक्व नेता के रूप में होती है। राजनाथ ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। मधुरभाषी और नपा तुला बोलने वाले सिंह प्रतिद्वंद्वियों पर कमोबेश निजी हमले करने से गुरेज करते हैं। पार्टी में उनके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लाल कृष्ण आडवाणी के बाद वह ऐसे नेता हैं जिन्होंने दो अलग अलग कार्यकाल के लिए पार्टी की कमान संभाली है।
नरेंद्र मोदी ने शपथ समारोह के दौरान कुछ वैसे ही कपड़े पहने, जैसे कि उन्होंने साल 2014 में पहली बार पीएम पद की शपथ लेने के दौरान पहने थे। दरअसल, इस बार मोदी ने बीज कलर की बंद गला जैकेट के साथ क्रीम रंग का कुर्ता और सफेद चूड़ीदार पैजामा पहन रखा था, जबकि पिछली बार शपथ के वक्त भी उन्होंने बीज कलर के शेड से मिलती-जुलती बंडी पहनी थी। हालांकि, इस बार मोदी की दाढ़ी पिछली बार के मुकाबले थोड़ी अधिक बढ़ी नजर आ रही थी। देखिए तस्वीर में उनका तब का और अब का लुक। (फोटोः ANI)
कर्नाटक के उडुपी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़कर छात्र नेता के रूप में राजनीति का ककहरा सीखने वाले डीवी सदानंद गौडा को दूसरी बार मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। पेशे से वकील रहे गौडा अब चौथी बार संसद पहुंचे हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्णा बायरे गौडा को पराजित किया।
कर्नाटक और केरल के सीमावर्ती सुलया कस्बे के मंडेकोलू गांव में 1953 में जन्में वेंकप्पा गौडा ने विज्ञान में स्रातक की उपाधि और फिर वकालत की डिग्री हासिल की। आरएसएस कार्यकर्ता और एबीवीपी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे गौडा ने राजनीतिक जीवन जनसंघ से जुड़कर शुरू किया। यहां से उन्होंने जो राजनीतिक संस्कार सीखे आज उन्हीं की बदौलत वह केंद्र सरकार में शामिल किए गए। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष, भाजपा जिला उपाध्यक्ष, राज्य सचिव और बाद में राष्ट्रीय सचिव के पद पर भी रहे।
हरिद्वार से लगातार दूसरी बार लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद आज नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किए गए रमेश पोखरियाल निशंक अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से ही राजनीति का एक जाना—पहचाना नाम रहे हैं। पत्रकारिता से राजनीति में कदम रखने वाले निशंक जून, 2009 में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने से पहले ही उत्तर प्रदेश में लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन चुके थे और उन्होंने वहां पर्वतीय विकास मंत्री का पद भी संभाला था।
उत्तराखंड के पौडी जिले में पिनानी गांव में जन्मे साठ वर्षीय निशंक को लेखन का शौक है और उनकी कहानियों और कविताओं की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा देश—विदेश में कई पुस्तकालयों में शामिल हैं। एक उर्जावान राजनीतिज्ञ की छवि रखने वाले निशंक ने नब्बे के दशक की शुरूआत में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी थी। उसके बाद उन्होंने 1991 में भाजपा के टिकट पर कर्णप्रयाग से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया।
1 फग्गन सिंह कुलस्ते
2 अश्विनी कुमार चौबे
3 अर्जुन राम मेघवाल
4 वी के सिंह
5 कृष्ण पाल गुर्जर
6 रावसाहेब दादाराव दानवे
7 गंगापुरम किशन रेड्डी
8 पुरुषोत्तम रुपाला
9 राम दास अठावले
10 साध्वी निरंजन ज्योति
11 बाबुल सुप्रियो
12 संजीव कुमार बालियान
13 संजय धोत्रे
14 अनुराग सिंह ठाकुर
15 सुरेश अंगडी
16 नित्यानंद राय
17 रतन लाल कटारिया
18 बी मुरलीधरन
19 रेणुका सिंह सिंह सरुता
20 सोम प्रकाश
21 रामेश्वर तेली
22 प्रताप चंद्र सारंगी
23 कैलाश चौधरी
24 देवश्री चौधरी
1 संतोष कुमार गंगवार
2 राव इंद्रजीत सिंह
3 श्रीपद येसो नायक
4 डॉ. जितेन्द्र सिंह
5 किरेन रिजिजू
6 प्रह्लाद पटेल
7 राजकुमार सिंह
8 हरदीप सिंह पुरी
9 मनसुख लाल मंडाविया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शपथ ग्रहण करने वाले 24 कैबिनेट मंत्रियों में ये नाम हैं:
1 राजनाथ सिंह
2 अमित शाह
3 नितिन गडकरी
4 डी वी सदानंद गौड़ा
5 निर्मला सीतारमण
6 राम विलास पासवान
7 नरेन्द्र सिंह तोमर
8 रविशंकर प्रसाद
9 हरसिमरत कौर
10 थावर चंद गहलोत
11 डॉ. एस जयशंकर
12 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
13 अर्जुन मुंडा
14 स्मृति ईरानी
15 डॉ. हर्षवर्धन
16 प्रकाश जावड़ेकर
17 पीयूष गोयल
18 धर्मेंद्र प्रधान
19 मुख्तार अब्बास नकवी
20 प्रह्लाद जोशी
21 डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे
22 अरविंद सावंत
23 गिरिराज सिंह
24 गजेन्द्र सिंह शेखावत
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसी महीने हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली में वादा किया था कि अगर हमीरपुर के मतदाता अनुराग ठाकुर को रिकार्ड मतों से जिताते हैं तो वह ठाकुर को ‘‘बड़ा नेता’’ बना देंगे। लोगों ने वैसा ही किया और शाह ने अपना वादा निभाया तथा ठाकुर को बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्री बनाया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर हमीरपुर सीट से चौथी बार जीते हैं। इस बार उन्हें 69.04 प्रतिशत मत मिले। अनुराग पहली बार मई 2008 में हुए उपचुनाव में विजयी हुए थे। इसके बाद वह 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में लगातार विजयी हुए।
राजनीतिक माहौल को भांप लेने की काबिलियत रखने वाले लोकजनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान के नाम छह प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री के तौर पर काम करने की अनूठी उपलब्धि जुड़ी है। पासवान ने बृहस्पतिवार को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। उनकी (72) के राजनीतिक सफर की शुरूआत 1960 के दशक में बिहार विधानसभा के सदस्य के तौर पर हुई और आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनावों से वह तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने हाजीपुर सीट पर चार लाख मतों के रिकार्ड अंतर से जीत हासिल की।
1989 में जीत के बाद वह वी पी सिंह की कैबिनेट में पहली बार शामिल किए गए और उन्हें श्रम मंत्री बनाया गया। एक दशक के भीतर ही वह एच डी देवगौडा और आई के गुजराल की सरकारों में रेल मंत्री बने। 1990 के दशक में जिस ‘जनता दल’ धड़े से पासवान जुड़े थे, उसने भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ दिया और वह संचार मंत्री बनाए गए और बाद में अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में वह कोयला मंत्री बने।
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अध्य राहुल गांधी, यूपीए कार्यकाल में पीएम रहे मनमोहन सिंह, कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रहे। (फोटोः पीटीआई)
दिल्ली में गुरुवार शाम नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद झारखंड की राजधानी रांची में बीजेपी प्रदेश मुख्यालय के बाद पटाखे फोड़ कर खुशी का इजहार करते पार्टी समर्थक और कार्यकर्ता। (फोटोः पीटीआई)
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के तौर पर अपने उर्जावान तेवरों के लिये जानी जाने वाली शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को यहां राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। वह किस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगी फिलहाल यह घोषणा नहीं हुई है। पंजाब के बठिंडा से तीन बार की सांसद 53 वर्षीय हरसिमरत एक ऐसे परिवार से संबंध रखती हैं जिसकी जड़ें 18वीं शताब्दी के एक शाही खानदान से जुड़ी हैं।
बीजेपी की लंबे समय से सहयोगी रही शिअद लोकसभा में सिर्फ दो सीटें जीत सकी। संयोग से उनके पति सुखबीर सिंह बादल ने दूसरी सीट जीती है। नई दिल्ली में जन्मी हरसिमरत का विवाह सुखबीर सिंह बादल से हुआ है जो पार्टी अध्यक्ष हैं और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री भी।
शानदार शैक्षणिक योग्यता के साथ राजनीति के क्षेत्र में उतरे पीयूष गोयल ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई चुनौतीपूर्ण मंत्रालय संभालते हुए अपने बेहतरीन काम के दम पर अलग पहचान बनाई और राज्य मंत्री से कैबिनेट तक का सफर तय किया । पीयूष गोयल ने गुरुवार को मोदी मंत्रिमंडल में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली।
राज्यसभा सदस्य पीयूष गोयल ने रेल और कोयला समेत कई चुनौतीपूर्ण मंत्रालयों की कमान संभाली । शानदार शैक्षणिक रिकॉर्ड वाले गोयल राजनीति में आने से पहले सफल चार्टर्ड अकाउंटेंट और इन्वेस्टमेंट बैंकर भी रहे हैं। स्पष्ट और बिना किसी लाग लपेट के बात करने वाले गोयल ने राजनीति में आने के बाद खुद को सफल प्रशासक साबित किया।
राष्ट्रपति भवन प्रांगण में इस समारोह में करीब आठ हजार मेहमान आए हैं। 2014 में मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलाई थी। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण का इस्तेमाल आम तौर पर देश की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकार के प्रमुखों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाता है। इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलायी गई थी।
आडवाणी को किया था गिरफ्तार, समझौता और मालेगांव ब्लास्ट में जारी किए थे आरएसएस से जुड़े...पढ़ें खबर।
‘घर – घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान’, नारा देने वाले अश्विनी कुमार चौबे केंद्रीय मंत्री बने। मोदी 2.0 में भी उन्हें मंत्री बनाया गया है। चौबे बिहार के बक्सर से लोकसभा...पढ़ें खबर।
धर्मेंद्र प्रधान ने न तो 2019 का लोक सभा का चुनाव लड़ा न ही ओडिशा विधान सभा का चुनाव लेकिन ओडिशा में बीजेपी की चुनावी कमान उनके ही कंधों पर थी। पार्टी ने बेहतर परफॉर्म भी किया। अब उन्हें फिर से इसका इनाम केंद्र सरकार में मंत्री पद के रूप में दिया गया है। प्रधान पिछली मोदी सरकार में भी मंत्री थे। पढ़िए उनका प्रोफाइल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर केंद्र की राजनीति में आने वाले नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने हर मैदान फतह करते हुए प्रधानमंत्री के तौर पर न केवल अपनी दूसरी पारी का आगाज किया है, बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए।
‘राष्ट्रवाद’ और ‘विकास’ के नारे के साथ अपने करिश्माई व्यक्तित्व से भगवा परचम लहराने वाले मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में भाजपा को कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक वोट और 303 सीटें मिलीं जबकि 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। आंकड़े गवाह हैं कि इस बार भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे कई राज्यों में अपना मत प्रतिशत बढ़ाया है। निश्चित तौर पर इस पूरी जीत के केंद्र में मोदी रहे हैं।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार में बीजेपी नेता मनसुख मांडविया दोबारा मंत्री बनेंगे। गुरुवार (30 मई, 2019) शाम करीब सात बजे मोदी समेत एनडीए के बाकी मंत्रियों के वह पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण करेंगे। दोपहर को उन्होंने इस बारे में मीडिया से बात की और बताया कि वह समारोह में किसी गाड़ी या फिर दूसरे वाहन से नहीं जाएंगे, बल्कि वह साइकिल...पढ़ें पूरी खबर।
पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी हमले हों या रक्षा उपकरणों की सफल खरीद, भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजनीति में महिला सशक्तिकरण की नयी परिभाषा गढ़ी है और वह मोदी सरकार की सबसे ओजस्वी, कार्यकुशल और साहसी केंद्रीय मंत्रियों में से एक रही।
सीतारमण से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 और फिर 1980-1982 में प्रधानमंत्री रहते हुए रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। उनके रक्षामंत्री रहते ही भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तेरह दिन के भीतर पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया जिसमें कई आतंकवादी मारे गए।
सूत्रों के हवाले से कुछ टीवी रिपोर्ट्स में बताया गया कि मोदी की नई सरकार में बीजेपी नेता सुषमा स्वराज मंत्री नहीं बनेंगी। राष्ट्रपति भवन परिसर में वह इस दौरान दर्शक दीर्घा में बैठीं हैं। जानकारों की मानें तो जिन्हें मंत्री बनना है, उन्हें दूसरी जगह बैठाया गया है, जबकि सुषमा अन्य लोगों के साथ दर्शक दीर्घा में बैठी हैं।
पिछली मोदी सरकार में सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला था। इस बार निशंक की सादगी मोदी-शाह को भा गई और उन्हें कैबिनेट में शामिल करने का फैसला हुआ। राजनीतिक अनुभव के लिहाज से देखें तो उत्तराखंड के पांचों बीजेपी सांसदों में रमेश निशंक का अनुभव सबसे अधिक है। पढ़िए उनका प्रोफाइल
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में गुरुवार शाम नरेंद्र मोदी जब दूसरी बार पीएम पद की शपथ ले रहे थे, तब उनकी मां गुजरात यानी कि गृह नगर में टीवी पर बेटे को शपथ लेते और सम्मान होते देख रही थीं।
लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पावसान फिर से नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं। पासवान ऐसे नेता है, जो सियासी हवा का रुख तेजी से भांपते हैं और उसी दिशा में बहने में देरी नहीं करते।उनके बारे में कहा जाता...पढ़ें पूरी खबर।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को मौजूदा राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। उन्हें चुनाव जिताऊ राजनेता के तौर पर भी प्रसिद्धि मिली है। इसके पीछे उनका आंकड़ों के साथ खेलने की राजनीतिक शक्ति और कौशल है। 1990 के दौरान जब गुजरात में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर था, तब उन्होंने तत्कालीन गुजरात भाजपा संगठन सचिव नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में पूरे गुजरात में पार्टी के प्राथमिक सदस्यों का न केवल आंकड़ा जुटाया था बल्कि उसका दस्तावेजीकरण भी कराया। पढ़िए उनका प्रोफाइल
बता दें कि कार्यक्रम स्थल पर एक खास जगह मंत्री पद की शपथ लेने वालों के लिए बनाई गई है। वहां आगे की पंक्ति पर बीजेपी चीफ अमित शाह और पार्टी नेता अमित शाह अगल-बगल बैठे हैं। कार्यक्रम में जाने-माने कारोबारी और रिलायंस ग्रुप के मालिकान मुकेश अंबानी व पत्नी नीता अंबानी, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, फिल्म निर्देशक-निर्माता करण जौहर समेत कई सिने स्टार्स भी पहुंचे हुए हैं।
बिहार सीएम और जेडीयू चीफ नीतीश कुमार ने इस बारे में कहा कि वे कैबिनेट में जेडीयू से सिर्फ एक व्यक्ति को जगह देना चाहते थे, जो कि सांकेतिक सहभागिता होगी। हमने उन्हें बता दिया है कि हमें मंत्री पद नहीं चाहिए। यह बड़ा मसला नहीं है। हम एनडीए में रहेंगे। हम उनसे बिल्कुल भी नाराज नहीं है। हम साथ में काम कर रहे हैं, इसमें कोई भ्रम या दोराय नहीं है।
फिलहाल, मोदी के आवास यानी कि 7, लोक कल्याण मार्ग पर एनडीए के उन नेताओं की बैठक हो गई है। यहां वही नेता आए थे, जिन्हें नई सरकार में शामिल किया जाना है। टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, अमित शाह भी वहां पहुंचे। साथ ही निर्मला सीतारमण और राजनाथ सिंह भी बैठक में मौजूद रहीं।कहा जा रहा है कि शाह भी मोदी 2.0 में मंत्री बनेंगे। उन्हें इस बाबत गुजरात बीजेपी चीफ जीतू वाघेला ने ट्वीट कर बधाई भी दी है। वहीं, पूर्व विदेश सचिव एस.जयशंकर भी मंत्री बनाए जा सकते हैं।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी यानी कि जनता दल (यूनाइटेड) शामिल नहीं होगी। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि जेडीयू, एनडीए का हिस्सा तो रहेगा, पर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा। बता दें कि इस बार जेडीयू के 16 सांसद जीते हैं।
मोदी के शपथ ग्रहण से ऐन पहले नई दिल्ली में 7, लोक कल्याण मार्ग पर करीब साढ़े चार बजे हुई एनडीए नेताओं की बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी सरीखे चेहरे मौजूद रहे। मोदी ने बैठक में संभावित मंत्रियों संग चाय पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में करन जौहर, रजनीकांत, बोनी कपूर और कंगना रनौत जैसी बॉलीवुड हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स गिल्ड आॅफ इंडिया के अध्यक्ष सिद्धार्थ रॉय कपूर और अभिनेता शाहिद कपूर ने पीटीआई-भाषा से इस बात की पुष्टि की है कि वे शपथ ग्रहण के दौरान मौजूद रहेंगे।
फिल्मकार बोनी कपूर ने कहा कि वह इस समारोह का हिस्सा बनकर ‘‘खुशकिस्मत’’ महसूस करेंगे। कपूर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जिस तरह की जीत उन्हें मिली है, यह जश्न जैसा है। यह लोकतंत्र का उत्सव है। कुछ अच्छा हुआ है और यह आगे भी होता रहेगा।’’ मुंबई से रवाना होने से पहले रनौत ने संवाददाताओं से कहा कि वह मोदी को भविष्य के लिये शुभकामनाएं देती हैं।