कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर ऐसी बातें कह रहे हैं जो उसमें हैं ही नहीं। चिदंबरम ने साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री को घोषणा पत्र में शामिल असल मुद्दों पर बात करनी चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने किसी भाषण लेखक द्वारा लिखे कांग्रेस के किसी घोषणापत्र की कल्पना कर ली है। चिदंबरम ने ‘संपत्ति के पुनर्वितरण’ के मुद्दे पर विवाद के बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की ‘विरासत कर’ संबंधी टिप्पणियों को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार किए जा रहे हमलों के बीच यह बयान दिया।
कांग्रेस नेता बोले- पीएम मोदी ने पढ़ा है काल्पनिक घोषणा पत्र
कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री कांग्रेस के घोषणा पत्र में उन शब्दों और वाक्यों को खोजते और पढ़ते रहते हैं जो उसमें हैं ही नहीं। उन्होंने अपने किसी भाषण लेखक द्वारा लिखे कांग्रेस के किसी घोषणा पत्र की कल्पना कर ली है।
पूर्व वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘विरासत कर (Inheritance Tax)’ का कोई जिक्र ही नहीं है।
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा- उनकी पार्टी जीएसटी – 2.0 ले आएगी
चिदंबरम ने कहा कि कराधान पर कांग्रेस के वादे बिल्कुल स्पष्ट हैं: प्रत्यक्ष करों में पारदर्शिता, समानता, स्पष्टता और निष्पक्ष कर प्रशासन का दौर लाया जाए, पांच साल की अवधि के लिए स्थिर व्यक्तिगत आयकर दरों को बनाए रखा जाए, एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) पर कर का बोझ कम किया जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, मोदी सरकार के दोहरे ‘उपकर’ राज को खत्म करने का वादा करती है और दुकानदारों एवं खुदरा व्यवसायों को महत्त्वपूर्ण कर राहत दी जाएगी तथा जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) -2.0 पेश किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा कि यह निराशाजनक है कि प्रधानमंत्री काल्पनिक बातों से लड़ रहे हैं। उन्हें कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल ‘असल’ मुद्दों पर बहस करनी चाहिए। चिदंबरम ने गुरुवार को कहा था कि ‘संपत्ति के पुनर्वितरण’ और ‘विरासत कर’ से जुड़े मनगढ़ंत विवाद से पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस लोकसभा चुनाव में डरी हुई है और वह झूठ का सहारा ले रही है क्योंकि ‘मोदी की गारंटी’ कोई असर नहीं छोड़ पाई। चिदंबरम ने यह भी कहा था कि पार्टी का यह चुनावी दस्तावेज किसी धर्म विशेष के लिए नहीं बल्कि सभी वर्गों के लिए न्याय का वादा करता है।
पी. चिदंबरम ने अपने एक लेख में लिखा, “यह देखना मुश्किल नहीं है कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर समन्वित हमला क्यों और कब शुरू हुआ। 19 अप्रैल को पहले दौर के मतदान के बाद पीएमओ और भाजपा में घबराहट फैल गई। मोदी साहब ने 21 अप्रैल को राजस्थान के जालौर और बांसवाड़ा में हमला शुरू किया और फिर रुके नहीं। उनके काल्पनिक लक्ष्यों की सूची विचित्र थी। उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने भी अंधाधुंध गोलीबारी की। मीडिया का कर्तव्य था कि वह इस पागलपन को रोकने का आह्वान करे। मगर इसके बजाय, अखबारों ने इन विवादास्पद विषयों की ‘व्याख्या’ की और उन पर विद्वतापूर्ण संपादकीय लिखे। टीवी चैनलों ने ‘पंडितों’ के साक्षात्कार प्रसारित किए और ‘पैनल चर्चा’ आयोजित की। मोदी साहब द्वारा शुरू किया गया छद्म युद्ध कई गुना बढ़ गया।”
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