Mizoram Assembly Elections: मिजोरम में मंगलवार (7 नवंबर, 2023) को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। इसके बाद सभी लोगों की नजर 3 दिसंबर को आने वाले नतीजों पर टिक जाएगी। 40सीटों वाले मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के पास बहुमत है, लेकिन इस बार चुनावी समीकरण कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं।
मिजोरम में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। तीनों दलों के बीच कड़ी टक्कर है। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार लालदुहोमा के नेतृत्व वाली जोरम नेशनलिस्ट पार्टी (ZNP) भी सत्ता की दावेदार बताई जा रही है।
जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण सीटों के बारे में-
आइजोल पूर्व-1: सबसे चर्चित सीट की बात करें तो आइजोल पूर्व-1 सबसे खास है। यहां सबकी नजरें टिकी रहेंगी। इस सीट पर निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा फिर से ताल ठोक रहे हैं। जोरमथांगा 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से जीते थे। इस बार उनके सामने जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के उपाध्यक्ष लालथानसांगा हैं। आइजोल ईस्ट-I पारंपरिक रूप से कभी कांग्रेस का गढ़ था। ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।
आइजोल पश्चिम-III: इस सीट पर भी इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है और तीनों ही एक-दूसरे पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। निवर्तमान जेडपीएम विधायक वी.एल. ज़ैथनज़ामा के खिलाफ पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता और एमएनएफ उम्मीदवार के. सॉमवेला मैदान में हैं। 2008 में यह निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया, इसके बाद से किसी भी पार्टी ने यहां लगातार जीत दर्ज नहीं की है।
हच्छेक: इस सीट को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह त्रिपुरा सीमा के पास मिजोरम के ममित जिले में स्थित है। इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस के लालरिंडिका राल्टे विधायक हैं। उनका मुकाबला वर्तमान राज्य खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे से होगा। MNF ने इस सीट पर रोयटे को उतारा है। इस सीट पर हमेशा कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार रोयटे भी मजबूत नजर आ रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम ने के.जे. लालबियाकनघेटा को टिकट दिया है।
सेरछिप: इस विधानसभा सीट से जेडपीएम नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालडुहोमा मैदान में हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी। इस बार उनके सामने एमएनएफ के नवागंतुक जे. माल्सावमज़ुअल वानचावंग और कांग्रेस उम्मीदवार आर. वानलालट्लुआंगा हैं। लालडुहोमा ने 2018 में इस सीट से पांच बार के मुख्यमंत्री ललथनहवला को मात दी थी। इस बार यहां माल्सावमज़ुअल वानचावंग के आने से मुकाबला औऱ रोमांचक हो गया है।
मिजोरम में सामान्य के लिए 1 सीट, 39 सीट एसटी के लिए
फिलहाल मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है। मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल इसी साल 17 दिसंबर को पूरा हो रहा है। 40 सीटों में से सिर्फ एक सीट सामान्य की है। बाकी सभी 39 सीटें एसटी कैटेगरी के लिए रिजर्व हैं। एससी की कोई सीट नहीं है। राज्य में 8.56 लाख मतदाता हैं। यानी कि मिजोरम में मतादाता- 8,56,868 युवा मतदाता- 50,611 हैं।
पीएम मोदी ने मिजोरम के लोगों से क्या कहा?
रविवार को पीएम मोदी ने मिजोरम के लोगों को संबोधित करते हुए एक वीडियो संदेश में कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने रेलवे, स्वास्थ्य, खेल और अन्य क्षेत्रों से संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। मिजोरम के लोगों को अपने परिवार का सदस्य करार देते हुए मोदी ने कहा कि राज्य के गर्मजोशी भरे लोगों के साथ संवाद करना उनके लिए हमेशा से बहुत खुशी की बात रही है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने आपकी आकांक्षाओं, सपनों और आवश्यकताओं को पूरा करने को सर्वोच्च महत्व दिया है।’उन्होंने कहा, ‘दोस्तों, भाजपा एक शानदार मिजोरम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे यकीन है कि इसे पूरा करने के लिए हमें आपका समर्थन और आशीर्वाद मिलेगा।’
राज्य की 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही बीजेपी
मिजोरम विधानसभा की 40 सीट के लिए सात नवंबर को मतदान होगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी। भाजपा राज्य की 23 सीट पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने 2018 में 39 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था और एक सीट जीतकर राज्य विधानसभा में पहली बार अपना खाता खोला था। प्रधानमंत्री का पहले राज्य का दौरा करने और 30 अक्टूबर को ममित में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम था। हालांकि, उनके दौरे को बिना कोई कारण बताए रद्द कर दिया गया था।
मोदी ने वीडियो संदेश में कहा, ‘पिछले नौ वर्षों में मुझे 60 बार पूर्वोत्तर जाने का अवसर मिला। बड़े पैमाने पर विकास और कनेक्टिविटी कार्यों ने भौतिक दूरी को भी कम किया है।’ मोदी ने कहा कि प्रकृति और संस्कृति के बलबूते मिजोरम में वैश्विक पर्यटन केंद्र बनने की भी क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दोस्तो, मिजोरम के मेरे पिछले दौरों में से एक के दौरान, मैंने परिवहन द्वारा परिवर्तन लाने के लिए काम करने का वादा किया था। तब से, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों में एक क्रांति हुई है।’ उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा के बलबूते निवेश, उद्योग और आय में वृद्धि होती है, जिससे मिजोरम के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
मिजोरम BJP अध्यक्ष ने बताया बहुमत नहीं मिला तो अगला कदम क्या होगा?
मिजोरम भाजपा अध्यक्ष (प्रभारी) वनुपा जथांग ने हाल ही में कहा था कि लोग विभिन्न मुद्दों पर हमारी नीतियों को समझ रहे हैं। उम्मीद है कि इस बार हम अपने दम पर सरकार बनाएंगे। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा को ईसाई विरोधी पार्टी बताने वाला विपक्ष का दुष्प्रचार बेअसर रहा है। भाजपा 7 नवंबर को होने वाले 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा चुनाव में 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। साल 2018 में हुए पिछले चुनाव में पार्टी ने 39 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन एक ही सीट पर जीत सकी। राज्य विधानसभा में उसका पहली बार खाता खुला था।
जथांग ने कहा, हमने समान नागरिक संहिता और संविधान के अनुच्छेद 371जी पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। समान नागरिक संहिता का मामला विधि आयोग के पास है। अनुच्छेद 371जी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की तरह अस्थायी नहीं है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371जी मिजोरम के लिए विशेष प्रावधान है। अनुच्छेद 370 में कहा गया है कि धार्मिक या सामाजिक प्रथाओं, प्रथागत कानून और भूमि के स्वामित्व तथा हस्तांतरण से संबंधित कोई भी केंद्रीय कानून तब तक लागू नहीं होगा जब तक कि मिजोरम विधानसभा इसकी मंजूरी नहीं देती।
यह पूछे जाने पर कि अगर बहुमत नहीं मिला तो भाजपा का अगला कदम क्या होगा, जथांग ने कहा, इस स्थिति में भाजपा सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) या फिर मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेएडपीएम) से भी गठबंधन के लिए तैयार है, जिसे अधिक सीटें मिलेंगी उसे प्राथमिकता दी जाएगी।
राहुल को लेकर मिजोरम कांग्रेस को मांगनी पड़ी थी माफी
17 अक्टूबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव प्रचार के लिए मिजोरम की राजधानी आइजोल में थे। स्कूटी पर बैठे और सड़कों पर निकल गए। राहुल की वजह से भीड़ जुटी, शोर हुआ, और ये बात लोगों को पसंद नहीं आई। मिजोरम कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी पड़ी। पार्टी के मीडिया इंचार्ज मैथ्यू एंटनी बताया था कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की तरह यहां रैली की। चर्च के सपोर्ट वाली बॉडी मिजोरम पीपुल्स फोरम, यानी MPF ने इसकी आलोचना की थी, इसलिए मिजोरम कांग्रेस ने माफी मांगी।