Meghalaya Elections: मेघालय विधानसभा चुनाव की 60 सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। इन सीटों पर 375 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मेघालय चुनाव पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विसेंट पाला ने भारतीय जनता पार्टी और एनपीपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा के संरक्षण में एनपीपी (NPP) ने मेघालय को बेशर्मी से लूटा है। इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार का है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पाला ने कहा कि इस चुनाव में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा है। इस सरकार (एनपीपी के नेतृत्व में) ने राज्य को शर्मनाक तरीके से लूटा है…कोई डर नहीं है, भाजपा उनकी रक्षा कर रही है। यही कारण है कि मेघालय पूर्वोत्तर का सबसे गरीब राज्य है।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष पाला ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि इससे पहले हमारे अधिकांश उम्मीदवार कक्षा 10 या 12 के स्नातक थे। लेकिन, आज की स्थिति में, हमारे पास आईआईएम और आईआईटी किए हुए उम्मीदवार हैं। एक ने हमारी पार्टी से जुड़ने के लिए सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उनमें से कुछ की कॉर्पोरेट पृष्ठभूमि हैं। इनमें एक व्याख्याता है। हमारे पास 10 महिला उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि हमारे पास ऐसे कई उम्मीदवार हैं जिन्होंने हमारे साथ जुड़ने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। अगर उन्हें कांग्रेस में कोई गुंजाइश नजर नहीं आती तो वे हमारे साथ क्यों आते?
बता दें, आगामी मेघालय विधानसभा चुनावों में कांग्रेस संघर्षरत है। राज्य से पार्टी के लोकसभा सांसद विन्सेंट पाला एक प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे हैं। साल 2018 की बात करें तो राज्य में कांग्रेस 21 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन सत्ता के सिंहासन तक नहीं पहुंच सकी थी।
कोनराड संगमा की पार्टी एनपीपी 19 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर थी। यूडीपी के 6, पीडीएफ 4, बीजेपी और एचएसपीडीपी को दो-दो सीट पर सफलता मिली थी। कांग्रेस को सत्ता से रोकने के लिए कोनराड संगमा ने बीजेपी, यूडीपी, पीडीएफ, एचपीपीडीपी और एक निर्दलीय के साथ मिलकर सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्य में एंट्री के बाद कांग्रेस को मौजूदा वक्त में कोई विधायक नहीं है। कई लोग कहते हैं कि अगस्त 2021 में कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में पाला की नियुक्ति के कारण पार्टी का विघटन हुआ।