लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान पूरा हो गया है, लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर राजनीतिक दलों में असंतोष अभी खत्म नहीं हुआ है। यह स्थिति सभी दलों में हैं। इस वजह से कई नेताओं ने चुनाव प्रचार से भी खुद को अलग कर लिया है। ताजा मामला महाराष्ट्र का है। इसमें एक भी सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारे जाने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरिफ नसीम खान (60) ने पार्टी की तीन अलग-अलग समितियों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य में 48 लोकसभा सीट हैं। इनमें से एक पर भी पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने पत्र में नसीम खान ने कहा, “कांग्रेस को मुस्लिम वोट चाहिए, उम्मीदवार क्यों नहीं?”
राज्य में कांग्रेस विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी की घटक है
कांग्रेस महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट में से 17 सीट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। तीनों दल एमवीए के घटक हैं।
खान 2019 का विधानसभा चुनाव मुंबई के चांदीवली से हार चुके हैं
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक नसीम खान मुंबई उत्तर मध्य सीट से खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनको टिकट नहीं दिया गया। इस सीट से पार्टी ने वर्षा गायकवाड़ को उतारा है। वह इससे खुश नहीं हैं। खान 2019 का विधानसभा चुनाव मुंबई के चांदीवली से 409 वोट से हार गए थे। पार्टी के स्टार प्रचारक नसीम खान ने फिलहाल ऐलान किया है कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी के किसी भी उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं करेंगे।
नसीम खान कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उनका गुस्सा इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) ने भी राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि पूरे महाराष्ट्र के कई मुस्लिम संगठन, नेता और पार्टी कार्यकर्ता उम्मीद कर रहे थे कि कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय से कम से कम एक उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारेगी, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, “जब भी पार्टी ने मुझे गुजरात, गोवा, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों की चुनावी जिम्मेदारी दी है, मैंने पार्टी के पक्ष में अपने पूरे प्रयासों से इसे बखूबी निभाया है। इन सभी कारणों से मैं महाराष्ट्र में मुसलमानों और अन्य मुस्लिम संगठनों का सामना नहीं कर पाऊंगा जो हमेशा ऐसे मुद्दे उठाते हैं।”