पांच राज्यों की 6 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए भी आज वोटों की गिनती की जा रही है। इन विधानसभा सीटों में तमिलनाडु की इरोड (ईस्ट), पश्चिम बंगाल की सागरदीघी, झारखंड की रामगढ़, महाराष्ट्र की कस्बा पेठ और चिंचवाड़ सीट शामिल हैं। महाराष्ट्र में 26 फरवरी को वोट डाले गए थे, जबकि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड में 27 फरवरी को मतदान हुआ था। कस्बा पेठ में जहां कांग्रेस जीती है, वहीं चिंचवाड़ में बीजेपी आगे चल रही है।
भाजपा ने गंवाई कस्बा सीट
भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र के पुणे जिले में अपने गढ़ कस्बा पेठ विधानसभा सीट को बरकरार रखने में विफल रही। कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हेमंत रसाने को हरा दिया। कस्बा पेठ सीट पर बीजेपी 28 साल से सत्ता में थी। पुणे से वर्तमान भाजपा सांसद गिरीश बापट ने 2019 तक पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। इस बार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) वाले महा विकास अघाड़ी के समर्थित उम्मीदवार धंगेकर ने भाजपा के गढ़ को तोड़ने में कामयाबी हासिल की।
2019 में बीजेपी के मुक्ता तिलक ने यह सीट जीती थी। दिसंबर 2022 में कैंसर से जूझने के बाद उनकी मृत्यु हो गई, जिससे पुणे शहर के पुराने क्षेत्र में स्थित निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव की आवश्यकता हुई। कस्बा में कांग्रेस की जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल जून में राज्य सरकार बदलने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा-एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और विरोधी एमवीए के बीच यह पहली सीधी टक्कर थी।
आत्ममंथन करेंगे कि क्या गलत हुआ- हेमंत रासाने
भाजपा के हेमंत रासाने ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि एक उम्मीदवार के तौर पर वह इस चुनाव में विफल रहे और आत्ममंथन करेंगे कि क्या गलत हुआ और कहां हुआ। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन जोशी ने पार्टी और एमवीए की ऐतिहासिक जीत के लिए कस्बा पेठ के मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह उन सभी एमवीए कार्यकर्ताओं की जीत है जिन्होंने इस चुनाव को बड़ी एकता के साथ लड़ा। इस चुनाव ने दिखाया है कि धन बल काम नहीं कर सकता है।”
भाजपा पर पैसे की मदद से मतदाताओं को लुभाने का आरोप
चुनाव प्रचार के दौरान, कांग्रेस और अन्य एमवीए घटकों ने भाजपा पर पैसे की मदद से मतदाताओं को लुभाने का आरोप लगाया था, जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया था। पुणे में कस्बा और चिंचवाड़ सीटों के उपचुनाव एमवीए के साथ-साथ राज्य में सत्तारूढ़ शिंदे-भाजपा गठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गए थे, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस जैसे बड़े नेताओं ने अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था। माना जा रहा था कि भाजपा ने तिलक के परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं दिया था इसलिए निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में ब्राह्मण मतदाता नाखुश थे लेकिन बीजेपी ने दावा किया था कि ब्राह्मण उनके साथ हैं।
जनता ने वोट से जवाब दिया है- महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष
उपचुनाव की मतगणना पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, “बीजेपी ने सत्ता का गलत इस्तेमाल किया, गुंडों के जरिए आतंक मचाया, पैसे बांटे गए। जनता ने इसका जवाब वोट से दिया है।” महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिंपरी में मतगणना से पता चलता है कि वहां भी हमारे उम्मीदवार की जीत होगी। महा विकास अघाड़ी नेताओं की आज होगी बैठक, संजय राउत मामले और महंगाई समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा राज्य के सीएम ने इसे देशद्रोह कहा तो विपक्षी दलों को देना होगा जवाब।