Surkhi Assembly Election Results 2023: सुरखी विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है। इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था और एक बार वह इस सीट को हासिल करने में कामयाब हो गए है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस के नीरज शर्मा आगे चल रहे थे। लेकिन वोटों की गिनती के साथ एक बार फिर गोविंद सिंह राजपूत जीत गए हैं। सुरखी विधान सभा क्षेत्र में एक बार फिर बीजेपी के गोविन्द सिंह राजपूत ने परचम लहरा दिया है। उन्होंने कांग्रेस के नीरज शर्मा को हरा दिया है। बीजेपी के गोविंद सिंह राजपूत को कुल 83551 वोट मिल हैं। वहीं कांग्रेस के नीरज शर्मा तो 81373 वोट है। ऐसे में 2,178 बढ़त के साथ गोविंद सिंह राजपूत ने एक बार फिर इस सीट पर कब्जा कर लिया है। बता दें कि बीजेपी के गोविंद सिंह राजपूत विधायक हैं। राजपूत शिवराज सरकार में मंत्री हैं। बीजेपी ने एक बार फिर से इस कद्दावर नेता पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर नीरज शर्मा को मैदान में उतारा है। दोनों नेताओं में इस वक्त कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।

सिंधिया के करीबी हैं गोविंद सिंह राजपूत

गोविंद सिंह राजपूत को ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे का माना जाता है। साल 2020 में वो कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। मौजूदा समय में राज्य सरकार में परिवहन और राज्य मंत्री हैं। यहां हुए उपचुनाव में बीजेपी की ओर से गोविंद सिंह राजपूत को टिकट दिया गया था। जिसमें उन्हें जीत हासिल की।

गोविंद सिंह राजपूत का गढ़ है सुरखी

साल 1951 से हुए 16 चुनाव/उपचुनाव में यहां से नौ बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। वहीं चार बार भाजपा, एक बार भारतीय जनसंघ, एक बार जनता पार्टी और एक बार जनता दल के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। सुरखी विधानसभा से अलग-अलग चुनावों में सबसे ज्यादा 4 बार विधायक बनने वाले एक मात्र प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत हैं। सुरखी विधानसभा के 71 सालों के इतिहास में सबसे बड़ी जीत और सबसे कम अंतर से हार भी गोविंद सिंह राजपूत के नाम दर्ज है। गोविंद सिंह राजपूत साल 2013 में बीजेपी की पारुल साहू से मात्र 141 वोट से चुनाव हार गए थे। 2020 के उपचुनाव में पासा पलटा और गोविंद भाजपा तो पारुल कांग्रेस में पहुंच गईं। राजपूत ने इस उपचुनाव में उन्हें 40991वोट से शिकस्त दी थी।

कितने वोटर, कितनी आबादी-

2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सुरखी सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी के सुधीर यादव को आसान मुकाबले में हरा दिया था। गोविंद सिंह को 80,806 वोट मिले थे तो सुधीर के खाते में 59,388 वोट आए। गोविंद सिंह ने यह चुनाव 21,418 मतों के अंतर से जीत लिया, तब के चुनाव में यहां पर कुल 1,96,632 वोटर्स थे जिसमें 1,43,909 (74.3%) वोटर्स ने वोट डाले थे।

दो साल बाद यहां पर फिर उपचुनाव कराया गया, जिसमें बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने वाले गोविंद सिंह राजपूत को 93,294 वोट मिले तो कांग्रेस के पारुल साहू केसरी के खाते में 52,303 वोट आए। गोविंद सिंह ने 2018 की तुलना में 2020 के उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की। उन्हें 40,991 मतों के अंतर से बड़ी जीत मिली।

किस जाति के कितने वोटर-

सुरखी विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति के वोटर्स की संख्या ज्यादा है। यहां पर करीब एससी वर्ग के करीब 45 हजार वोटर्स रहते हैं। इनके अलावा ठाकुर वोटर्स की संख्या करीब 20 हजार है। साथ ही कुशवाहा बिरादरी की संख्या करीब 12 हजार है तो ब्राह्मण बिरादरी के करीब 10 हजार वोटर्स यहां पर हैं। कुर्मी और यादव वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं।