मध्य प्रदेश में चुनाव होने में अब मात्र दिन बचे हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी प्रचार तेज कर दिया है। भाजपा की तरफ से जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छिंदवाड़ा में चुनावी रैली की, वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने चुरहट में जनसभा की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमले बोले और कहा कि कांग्रेस झूठे वादों की एटीएम मशीन है जबकि बीजेपी विकास और प्रगति की एटीएम है। शाह ने कांग्रेस में वंशवाद और परिवारवाद पर भी हमला बोला और कहा कि 1998 में सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनी थीं, उसके बाद सभी को पता था कि राहुल गांधी अगले अध्यक्ष होंगे लेकिन भाजपा में ऐसा नहीं है। उन्होंने लोगों से पूछा, “जब मैं हट जाऊंगा तो कौन बनेगा भाजपा अध्यक्ष? ये आपको पता है? नहीं, लेकिन कांग्रेस में सोनिया के बाद कौन बनेगा, ये पहले से तय था।”

आजादी के बाद नेहरू गांधी परिवार से बाहर के किसी पार्टी सदस्य के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के मुद्दे पर जारी बहस के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि 1978 में इंदिरा कांग्रेस के गठन के बाद से इस पार्टी को वंशवादी सेवा के लिये पारिवारिक उद्यम बना दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले कुछ समय से नेहरू गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की चुनौती देते रहे हैं इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आजादी के बाद नेहरू गांधी परिवार से इतर अब तक बने 16 कांग्रेस अध्यक्षों के नाम शनिवार को गिनाये थे और प्रधानमंत्री को याददाश्त दुरूस्त करने की सलाह दी थी ।

अमित शाह ने रविवार को अपने ट्वीट में पलटवार करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेहरू गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने की चुनौती के बाद कई दरबारी अपनी ‘वफादारी’ साबित करने के लिये सामने आए, इससे स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री ने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया है ।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सही कह रहे हैं। 1978 में इंदिरा कांग्रेस के गठन के बाद से एक परिवार के चार सदस्यों ने पार्टी का नेतृत्व किया और इसे पारिवारिक उद्यम का रूप दे दिया जिसका मकसद लोगों की सेवा के लिये राजनीतिक पार्टी बनाने की बजाए वंशवादी सेवा प्रदान करना था ।

शाह ने पी वी नरसिम्हा राव एवं सीताराम केसरी का जिक्र करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि एक परिवार से बाहर के जिन दो सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम किया, उनके साथ बेहद खराब व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि पी वी नरसिम्हा राव के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय के भीतर रखने की अनुमति नहीं दी गई जबकि दिग्गज नेता सीताराम केसरी के साथ किस के वफादार गुंडों ने धक्का मुक्की की, उसके बारे में सभी जानते हैं। भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यू एन ढेबर को इंदिरा गांधी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा गया जबकि नीलम संजीव रेड्डी को वरिष्ठ होने के बावजूद एक परिवार ने राष्ट्रपति नहीं बनने दिया ।

शाह ने दावा किया कि इसके अलावा बाबू जगजीवन राम, एस निजलिंगप्पा और के. कामराज को एक परिवार ने अपमानित किया। उन्होंने जोर दिया कि गांधीजी और सरदार पटेल के साथ काम करने वाले आचार्य कृपलानी को 50 एवं 60 के दशक में अपमानित किया गया । उनका अपराध यह था कि उन्होंने नेहरू सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था