अगले महीने होने जा रहे राज्य विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर दलों में टकराव से कांग्रेस को अब विपक्षी गठबंधन के दलों के साथ ही मैदान में जूझना पड़ेगा। इन दलों में आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) शामिल हैं। राज्य की कुल 230 सीटों में से 92 ऐसी सीटें हैं, जहां इस तरह की स्थितियां हैं।

26 में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी मुकाबले में हैं

92 विधानसभा क्षेत्रों में से 26 में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी मुकाबले में हैं। तीन में कांग्रेस आम आदमी पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) की चुनौतियों का सामना कर रही है। आईएनडीआईए के दलों में अपने गठबंधन को लेकर मतभेद है और यह राज्य विधानसभा चुनावों में बढ़ती जा रही है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सीटों का बंटवारा लोकसभा चुनावों के लिए है, लेकिन दूसरों को लगता है कि बड़ा विचार भाजपा को हराने के लिए मिलकर काम करना है – चाहे वह राज्य या राष्ट्रीय चुनाव में हो।

छतरपुर जिले के राजनगर में सभी चार विपक्षी दल मैदान में दिखेंगे

सबसे दिलचस्प लड़ाई छतरपुर जिले के राजनगर में होगी, जहां सभी चार विपक्षी दल मैदान में दिखेंगे। मौजूदा समय में कांग्रेस यहां 732 वोटों के बहुत ही कम अंतर से काबिज है। 2018 में राजनगर में सपा को 23,783 वोट मिले थे। यह निर्वाचन क्षेत्र उन नौ निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जहां कांग्रेस ने पिछली बार मामूली अंतर से जीत हासिल की थी और जहां कम से कम आम आदमी पार्टी, सपा या जद (यू) मैदान में हैं। कांग्रेस ने ग्वालियर दक्षिण में महज 121 वोटों से जीत हासिल की और इस बार उसे आम आदमी पार्टी से मुकाबला करना पड़ा। जद (यू) ने जबलपुर उत्तर से अपना उम्मीदवार खड़ा किया है, जहां पिछली बार कांग्रेस सिर्फ 578 वोटों से जीती थी।

कई सीटों पर कांग्रेस पिछली बार मामूली अंतर से चुनाव हार गई थी

ये पार्टियां छह निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस की संभावनाओं को इसी तरह नुकसान पहुंचा सकती हैं, जहां कांग्रेस 2018 में मामूली अंतर से हार गई थी। ऐसी ही एक सीट इसी नाम के जिले में मैहर है, जहां कांग्रेस भाजपा से 2,984 वोटों से हार गई थी। पिछली बार सपा को 11,202 वोट और आप को 1,795 वोट मिले थे। दोनों इस बार फिर मैदान में हैं। सिंगरौली भी ऐसी ही एक सीट है। 2018 में कांग्रेस 3,726 वोटों से हार गई, AAP को 32,167 वोट और SP को 4,680 वोट मिले। इस बार वो दोनों पार्टियां फिर से चुनाव लड़ रही हैं।

आप ने 70 और समाजवादी पार्टी ने 43 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है

आप ने 70 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, समाजवादी पार्टी ने 43 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है और जदयू ने 10 नाम घोषित किये हैं। नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन सोमवार तक और नामों का ऐलान किए जाने की उम्मीद है। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों में 19 उन क्षेत्रों से मैदान में हैं, जिन्हें पांच साल पहले कांग्रेस ने जीता था। 2018 में समाजवादी पार्टी ने 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिर्फ एक पर ही जीत मिली थी। आम आदमी पार्टी ने 208 विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनके सभी उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो गई थीं। आप की कुल वोट शेयर 0.66 फीसदी थी। जदयू ने पिछले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारे थे।

पिछले हफ्ते समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से सार्वजनिक तौर पर कहासुनी हो गई। कांग्रेस समाजवादी पार्टी को मध्य प्रदेश में कोई सीट देने को इच्छुक नहीं थी। समाजादी पार्टी 12 सीट चाहती थी, लेकिन कांग्रेस उन सीटों पर अपने उम्मीदवार बनाए रखने के पक्ष में थी। कांग्रेस का किसी भी तरह से सीटों का बंटवारा नहीं करने के जोर ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को यह आरोप लगाने का मौका दे दिया कि वे उनकी पार्टी को धोखा दे रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि यदि उन्हें पता होता कि “गठबंधन राज्य स्तर पर नहीं है” तो वे अपने प्रतिनिधियों को वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं दिग्विजय सिंह और कमल नाथ से मिलने के लिए नहीं भेजते।