Lucknow Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। 80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश में लखनऊ सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। यूपी की राजधानी लखनऊ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मूभूमि रही है। यहां अटल जी पांच बार सांसद चुने गए। यहीं से सांसद रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। इस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर 1991 से अभी तक बीजेपी का कब्जा है। हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। इंडिया गठबंधन के तहत सपा और कांग्रेस के सीट फॉर्मूले के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है।
साल 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी बार यहां से सांसद चुने गए। उन्होंने कांग्रेस के रंजीत सिंह को परास्त किया था। 1991 से पहले भी अटल बिहारी वाजपेयी इस सीट से दो बार ( 1957, 1962) चुनाव लड़े थे, लेकिन तब उनको जीत हासिल नहीं हुई थी।
1991 से 2004 तक अटली जी रहे लखनऊ से सांसद-
1991 के बाद 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी एक बार फिर से लखनऊ से चुनाव लड़े। उस वक्त उनके सामने सपा के राज बब्बर मैदान में थे, लेकिन अटल जी के सामने बब्बर का ग्लैमर नहीं चला। यहां की जनता ने अटल जी को 52 फीसदी वोट देकर संसद भेजा। इसके बाद यह सिलसिला लगातार 2004 तक जारी रहा। तब तक कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति से संन्यास नहीं ले लिया।
लालजी टंडन ने संभाली अटल जी की विरासत-
2009 में जब देश में लोकसभा चुनाव होने थे। उस वक्त बीजेपी इस बात लेकर काफी असमंजस में थी कि आखिर अटल जी की विरासत को कौन संभालेगा। इस मुश्किल वक्त में बीजेपी ने अटल बिहारी के बेहद खास रहे लाल जी टंडन पर भरोसा जताया था, जो उस वक्त बिहार के राज्यपाल थे। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन ने उस वक्त कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को करीब 41 हजार मतों से हराया।
लखनऊ लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम-
| प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट | वोट प्रतिशत |
| राजनाथ सिंह | बीजेपी | 561106 | 28.78% |
| रीता बहुगुणा जोशी | कांग्रेस | 288357 | 14.79% |
| नकुल दुबे | बसपा | 64449 | 3.31% |
| अभिषेक मिश्रा | सपा | 56771 | 2.91% |
| सैयद जावेद अहमद जाफरी | आम आदमी पार्टी | 41429 | 2.12% |
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए लाल जी टंडन को प्रत्याशी न बनाकर तत्कालीन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह पर दांव खेला, लेकिन बीजेपी की इस रणनीति से टंडन नाराज हुए। हालांकि, बीजेपी ने उन्हें मना लिया। अटल जी की इस सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर से जीत हासिल की और इस बार जीत का अंतर भी पिछली बार से पांच गुना ज्यादा रहा। 2014 के चुनाव में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को करीब को 2,72,749 वोटों से हराया। साथ ही केंद्र की मोदी सरकार में गृह मंत्री बने।
लखनऊ लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम-
| प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट | प्रतिशत |
| राजनाथ सिंह | बीजेपी | 633026 | 56.64% |
| पूनम शत्रुघ्न सिन्हा | सपा | 285724 | 25.57% |
| आचार्य प्रमोद कृष्णम | कांग्रेस | 180011 | 16.11% |
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने राजनाथ सिंह को टिकट दिया था। राजनाथ सिंह ने सपा की पूनम शत्रुघ्न सिन्हा को 347302 वोटों से हराया था। राजनाथ को करीब 55 प्रतिशत वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम थे। जिन्हें 180011 वोट मिले थे। यह चुनाव जीतने के बाद राजनाथ सिंह गृह मंत्री के बजाय देश के रक्षा मंत्री बनाए गए।
क्या है लखनऊ का जातीय समीकरण-
लखनऊ लोकसभा के अंतर्गत अगर वोटरों की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या करीब 36 लाख से ज्यादा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, लखनऊ जिले की आबादी 45.89 लाख है जिनमे पुरुषों की आबादी 23.94 लाख और महिलाओं की आबादी 21.95 लाख है 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ की कुल आबादी की 71.1 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दुओं की है। इसके बाद 26.36 प्रतिशत मुस्लिम हैं। इसके बाद बाकी अन्य हैं। अनुसूचित जाति की आबादी 14.3% हैं तो अनुसूचित जनजाति की 0.2%। इसी तरह ब्राह्मण, राजपूत वोटर भी मिलकर करीब 18 प्रतिशत हैं। ओबीसी मतदाता 28 फीसदी और मुस्लिम मतदाता करीब 18 फ़ीसदी हैं।
क्या हैं स्थानीय मुद्दे
वैसे तो लोकसभा चुनाव देश के मुद्दे पर लड़ा जाता है, लेकिन स्थानीय मुद्दों का भी महत्व होता है। 2014 और 2019 का चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा गया था, लेकिन लखनऊ का मुद्दा था रोजाना का लगने वाला जाम, सुरक्षा, सड़क, बिजली पानी, अनियमित कॉलोनियों का नियमितीकरण आदि प्रमुख हैं।
