Loksabha Elections 2019: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (दो मई, 2019) को चुनाव आयोग (ईसी) को नोटिस जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ दी गई शिकायतों पर छह मई से पहले फैसला करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस तारीख से पहले इन दोनों राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ शिकायतों का निपटारा कर लिया जाए।

दरअसल, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने चुनावी आदर्श आचार संहिता को लेकर पीएम मोदी और शाह की शिकायत ईसी से की थी। पार्टी की तरफ से कुल नौ शिकायतें ईसी को दी गई थीं, जिस पर सुष्मिता देव का कहना है कि ईसी उनकी याचिका पर फैसला नहीं कर रहा है।

‘पीटीआई’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को ईसी ने बताया है कि कांग्रेस द्वारा दाखिल की गईं कुल 11 में से दो शिकायतों पर वह पहले ही फैसला ले चुका है।

लोकसभा से कांग्रेसी सांसद सुष्मिता देव का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। उन्होंने तब कहा था, “हमने पीएम मोदी और शाह की जोड़ी के खिलाफ कुल 11 शिकायतें आयोग को दी थीं, पर उनमें से केवल दो पर फैसला लिया गया।”

सीजेआई समेत जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना वाली बेंच ने इस बाबत कहा, “हम इस मामले पर सोमवार यानी कि छह मई को सुनवाई करें, उससे पहले याचिकाकर्ताओं की शेष शिकायतों पर ईसी फैसला ले ले।”

बता दें कि ईसी इससे पहले पीएम के दो भाषणों को लेकर उन्हें क्लीन चिट दे चुका है, जिसमें एक भाषण महाराष्ट्र के लातूर जिले का है, जबकि दूसरा वर्धा का है। पहले भाषण में उन्होंने पहली बार वोट डालने वालों से अपील की थी कि वे बालाकोट (पाकिस्तान में) एयर स्ट्राइक के हीरो और पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को अपने वोट समर्पित करें। वहीं, दूसरी रैली में वह कांग्रेस चीफ राहुल गांधी पर बरसते थे और उन्होंने इस संकेत दिए थे कि केरल में ज्यादातर वोटर्स अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।

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