Loksabha Elections 2019: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) से गठबंधन के लिए आखिरी पल में भी तैयार थी। बशर्ते सीएम केजरीवाल को हरियाणा में भी गठबंधन की जिद से पीछे हटना पड़ेगा।

हाल ही में एक हिंदी अखबार को दिए इंटरव्यू में राहुल ने ये बातें कहीं। नामांकन वापस लिए जाने कि अंतिम तारीख तक क्या गठबंधन की संभावना है? राहुल ने इस पर एक अखबार को बताया, “हम आखिरी पलों में भी गठबंधन के लिए राजी हैं। जैसे ही केजरीवाल उस शर्त को छोड़ देंगे, जिसमें हरियाणा में गठबंधन की बात शामिल है, गठबंधन (दिल्ली में) हो जाएगा।”

राहुल के अनुसार, “केजरीवाल ने ही 4:3 (चार सीटें आप के लिए और तीन कांग्रेस के लिए) का फॉर्म्युला सुझाया था। इससे पहले, दिल्ली में हमारी पार्टी के नेता सीट शेयरिंग के इस फॉर्म्युला पर तैयार नहीं थे। लेकिन हमने उन्हें मनाया, तब केजरीवाल ने हरियाणा में भी गठबंधन की शर्त जोड़ दी।”

वहीं, आप संयोजक ने राहुल पर आरोप लगाया- वह गठबंधन चाहते ही नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस चीफ तो बीजेपी विरोधी वोटों को बांटने का काम कर रहे हैं। दिल्ली सीएम ने फिर से दोहराया कि गांधी ने कुछ दिनों पहले ट्वीट कर कहा था, “कांग्रेस दिल्ली में आप को चार सीटें देने को तैयार है।” ऐसे में मेरा सवाल है दुनिया में किस जगह पर गठबंधन टि्वटर पर या फिर मीडिया में बयानों के जरिए हुआ? अगर वह गठबंधन चाहते हैं, तब उन्हें बातचीत करनी चाहिए। कांग्रेस सिर्फ गठबंधन करने को लेकर दिखावा कर रही है।

केजरीवाल का दावा है कि यहां तक कि कांग्रेस के शीर्ष नेता मान चुके हैं कि बीजेपी हरियाणा में सभी 10 सीटें जीत जाएगी। पर गठबंधन की स्थिति में बीजेपी को कम से कम आठ सीटों का नुकसान होगा।

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