Lok Sabha Election 2019: भारत में 17 वीं लोकसभा गठन के लिए आम चुनाव जारी है। चार चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। तीन चरण शेष हैं। 23 मई को नतीजे घोषित होंगे कि देश में किसकी सरकार बनेगी। लेकिन इस बीच राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्योरोप के बीच अब विरोधियों की हार व अपनों की जीत तय करने के लिए यज्ञ तथा हवन का भी सहारा लिया जाने लगा है। भाजपा ने मध्य प्रदेश के भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है तो दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह है। दोनों की लड़ाई के बीच साधु-संत भी उतर आए हैं। पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि अगर दिग्विजय सिंह नहीं जीते तो वे समाधि ले लेंगे। महामंडलेश्वर ने कहा कि वे कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के लिए 20 हजार साधुओं के साथ ‘मिर्ची यज्ञ’ करेंगे।
टीवी9 भारतवर्ष से बात करते हुए महामंडलेश्वर ने कहा, “मैंने पहला प्रण ये लिया है कि दिग्विजय सिंह एक सच्चे हिंदू हैं। उन्हें प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है। वो हिंदू हैं, ये सत्य है। दूसरी बात ये है कि दिग्विजय सिंह के लिए 20 हजार साधु इस भोपाल की धरा पर, ग्रामीण क्षेत्र में, जगह-जगह समाज के बीच जाएंगे, और वे नर्मदा का संकल्प लेकर जनता से विनय करेंगे कि उनको विजय श्री दिलाएं। सारे संत प्रचार करेंगे। तीसरा विषय मेरा ये है कि आज बीजेपी कहती रही है कि भारतवर्ष के संत उनके साथ हैं, ये बिल्कुल गलत है। साधु किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है, साधु केवल उस परमात्मा, सिद्धांत और धर्म के लिए बनता है।”
संत ने कहा, “उन्होंने (भाजपा) तो हमारे धर्म को भी बर्बाद कर दिया। राम मंदिर की बात करते रहे, लेकिन आज तक राम मंदिर नहीं बनाया। देश के प्रधानमंत्री को लेकर कहने में तो मुझे काफी शर्म आता है कि जिनके लिए मैंने गांधीनगर में ‘मिर्ची यज्ञ’ कर विजय श्री दिलायी, वो जगह-जगह जाते हैं, लेकिन राम मंदिर जाने के लिए जिसके पास समय न हो, वह कैसा धार्मिक हो सकता है। दिग्विजय सिंह धार्मिक हैं। इसका प्रमाण, समाज जानती है कि उन्होंने 3500 किलोमीटर की प्ररिक्रमा पैदल की, जो भारत के त्यागी, तपस्वी और सन्यासी करते हैं। उसी परिक्रमा का प्रताप है कि आज साधु समाज उनके साथ खड़े हैं।
साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ प्रचार करने के सवाल पर महामंडलेश्वर ने कहा, “परिवार में चार भाई होते हैं। जब चार भाईयों में तालमेल नहीं बैठता है तब दूसरा भाई अपनी परंपराओं को लेकर के, अपने सिद्धांतों को लेकर के, जहां उसे अच्छा लगता है, वहां वह निर्णय लेता है। कांग्रेस हिंदुत्व की बात करती है। मेरे साथ 10 महामंडलेश्वर और आ रहे हैं। मैंने बहुत बड़ा प्रण लिया है। कामख्या को लाल मिर्ची यज्ञ करने जा रहा हूं जो आज से पांच साल पहले देश के प्रधानमंत्री के लिए किया था। इसकी जगह तय हो गई है। इसमें अनेकों संत रहेंगे। यदि दिग्विजय सिंह को सफलता हासिल नहीं होती है तो जिंदा समाधि ले लूंगा। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि सफलता मिलेगी।” बता दें कि लखनऊ से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार आचार्य प्रमोद कृष्णम के लिए भी एक यज्ञ किया जा रहा है।
