Lok Sabha Election 2019: बिहार की राजधानी पटना की पटना साहिब संसदीय सीट पर चुनाव बेहद रोमांचक हो गया है। भाजपा ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा है, उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा हैं जो भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं और पंजा निशान पर मैदान में हैं। ये दोनों कायस्थ जाति से ताल्लुक रखते हैं। इस संसदीय सीट पर कायस्थ मतदाताओं की सबसे ज्यादा आबादी है। इस वजह से दो बार से शत्रुघ्न सिन्हा लगातार जीतते रहे हैं लेकिन इस बार दो दमदार कायस्थ उम्मीदवार होने की वजह से कायस्थ वोटों में बिखराव होने के आसार हैं।
इन दोनों के अलावा तीसरा गुट भाजपा के राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा का है। माना जा रहा है कि कायस्थ वोटरों का एक वर्ग इनके समर्थन में है। आर के सिन्हा को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें इस सीट से मैदान में उतारेगी लेकिन रविशंकर प्रसाद बाजी मार ले गए। इससे नाराज उनके समर्थकों ने पिछले महीने रविशंकर प्रसाद का एयरपोर्ट पर विरोध भी किया था। हालांकि, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें मनाने की कोशिशों में जुटा है। बावजूद उनके धड़े द्वारा भितरघात किए जाने की आशंका बरकरार है।
बता दें कि पटना साहिब सीट पर करीब 20 लाख मतदाता हैं। इनमें से चार लाख मतदाता कायस्थ हैं। कायस्थों के बाद सबसे ज्यादा यादव और राजपूत मतदाता हैं। कायस्थों का पारंपरिक झुकाव भाजपा की तरफ रहा है तो यादवों का राजद की तरफ। राजपूत वोटर समय-समय पर पाला बदलते रहे हैं। इस संसदीय सीट के तहत कुल छह विधान सभा सीटें आती हैं लेकिन चार विधान सभा क्षेत्रों पटना पूर्वी, कुम्हरार, बांकीपुर और दीघा में कायस्थों की बड़ी आबादी है। लिहाजा, इनमें से दो पर भाजपा के कायस्थ विधायक चुने गए हैं। दो अन्य विधान सभा क्षेत्र बख्तियारपुर और फतुहा यादव बहुल क्षेत्र हैं। कुल छह में से पांच पर भाजपा का कब्जा है, जबकि फतुहा से राजद के रामानंद यादव विधायक हैं।
रविशंकर प्रसाद को जहां कायस्थ, राजपूत और कुर्मी मतदाताओं के अलावा अन्य सवर्ण मतदाताओं और पीएम मोदी के पांच साल के कामकाज का भरोसा है, वहीं शत्रुघ्न सिन्हा को यादव-मुस्लिम, दलित और ओबीसी मतदाताओं पर भरोसा है। सिन्हा के समर्थक दावा करते हैं कि दस वर्षों से सांसद होने की वजह से कायस्थ उन्हें वोट करेंगे। मसलन, आर के सिन्हा के कायस्थ गुट के भितरघात करने या न करने पर चुनावी नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।
2014 के चुनावों में शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस उम्मीदवार और भोजपुरी फिल्म स्टार कुणाल सिंह को 2 लाख 65 हजार मतों से हराया था। साल 2009 में भी शॉटगन ने कांग्रेस के शेखर सुमन को हराकर जीत दर्ज की थी। पटना साहिब संसदीय सीट 2009 के परिसीमन में बनी थी। उससे पहले यह पटना संसदीय क्षेत्र के तहत आता था। जहां से 2004 में राजद के टिकट पर रामकृपाल यादव जीते थे। फिलहाल वो भाजपा से पाटलिपुत्र सीट से सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री हैं।