लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सात चरणों में देश में लोकसभा चुनाव होंगे। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे तो वहीं आखिरी चरण के लिए 1 जून को वोट डाले जाएंगे। 4 जून को वोटों की गिनती होगी लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले कुछ प्रमुख चेहरे हैं, जो आने वाले चुनाव की दिशा और दशा तय करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अबकी बार-400 पार’ का नारा दिया है। आजाद भारत में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। इस बार अगर वह चुनाव जीत जाते हैं और तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेते हैं तो वह देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे। बीजेपी का प्रमुख चेहरा प्रधानमंत्री मोदी हैं और उनके चेहरे पर ही पार्टी पिछले 10 सालों से चुनाव लड़ रही है और सफलता भी हासिल कर रही है।

अमित शाह

अमित शाह वर्तमान में देश के गृहमंत्री हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा अध्यक्ष थे, जब बीजेपी ने अकेले अपने दम पर 300 से अधिक सीटें हासिल की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर बीजेपी का चेहरा हैं तो उसके पीछे की सारी रणनीति अमित शाह तैयार करते हैं। इस लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से अमित शाह की नेतृत्व क्षमता का टेस्ट होगा। वह राजनीति के चाणक्य भी कहे जाते हैं। अगर बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में आती है तो उसके पीछे की पटकथा लिखने वाले अमित शाह होंगे।

राहुल गांधी

राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। उनकी भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा काफी चर्चा में रही। अडानी और अंबानी पर भी तीखे हमले करने से राहुल गांधी पीछे नहीं हटते हैं। पिछले 10 सालों में कांग्रेस को कई बड़े चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी जाति जनगणना का मुद्दा उठाकर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी भी भूमिका अहम होगी।

योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक लोकसभा सीटें आती हैं। यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं और यहां पर बीजेपी का प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के कामों पर भी निर्भर करेगा। योगी आदित्यनाथ पिछले कुछ सालों में बीजेपी के स्टार प्रचारक बनकर उभरे हैं। यूपी में ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी उनकी रैलियां की जबरदस्त मांग होती है।

नीतीश कुमार

नीतीश कुमार देश के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं। वर्तमान में वह बिहार के मुख्यमंत्री हैं। हाल ही में वह बीजेपी के साथ गठबंधन कर फिर से चर्चा में आए हैं। नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधार माने जाते हैं। हालांकि अब वह बीजेपी के साथ हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए का प्रदर्शन नीतीश कुमार पर ही निर्भर करेगा।

ममता बनर्जी

ममता बनर्जी देश की इकलौती महिला मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो भी हैं। ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन की प्रमुख चेहरा हैं और अगर विपक्ष की सरकार बनती है तो प्रधानमंत्री की रेस में भी शामिल हैं। ममता बनर्जी बंगाल में सभी 42 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी है।

मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती देश की सबसे बड़ी दलित नेता हैं। वह तीन बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। उनकी पार्टी बसपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी चुनाव लड़ रही है। मायावती का दलित वोट बीएसपी के साथ रहता है, स्थिति कैसी भी हो। उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में और देश की कई लोकसभा सीटों पर बीएसपी का प्रदर्शन चौंकाने वाला हो सकता है।

तेजस्वी यादव

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव काफी चर्चा में हैं। उनकी राजनीति की चर्चा पूरे देश में हो रही है। बिहार में अपने पिछले कार्यकाल में भारी संख्या में नौकरियों की बहाली को लेकर तेजस्वी यादव काफी चर्चा में आए थे। आने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार में राजद का प्रदर्शन काफी अहम रहेगा।

अखिलेश यादव

अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल है और यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। उत्तर प्रदेश से ही दिल्ली का रास्ता होकर निकलता है। अगर इस चुनाव में विपक्ष का प्रदर्शन अच्छा रहेगा तो उसमें उत्तर प्रदेश का काफी योगदान रहेगा। उत्तर प्रदेश में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे अखिलेश यादव ही हैं।

असदुद्दीन ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम के प्रमुख हैं। वर्तमान में वह हैदराबाद से लोकसभा सांसद हैं। असदुद्दीन ओवैसी को लेकर काफी चर्चा होती है। विपक्ष उन पर आरोप लगता है कि वह भाजपा की बी टीम के रूप में काम करते हैं। मुस्लिमों के बीच असदुद्दीन ओवैसी काफी लोकप्रिय हैं। देश की कई मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों पर उनकी पार्टी एआईएमआईएम का प्रदर्शन काफी महत्वपूर्ण होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी।