पश्चिम बंगाल में लोकसभा के लिए मतदान का पहला चरण शुरू होने वाला हैै। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि राज्य में इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधि के तौर पर वे अकेले चुनाव लड़ेंगी और उन्होंने सभी 42 सीटों के लिए उम्मीदवार की घोषणा करके चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।

हाल में उन्होंने एक बार फिर कहा कि राज्य में भाजपा-माकपा-कांग्रेस समेत तमाम विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए इकट्ठा हुए हैं। दूसरी ओर, माकपा-कांग्रेस-आइएसएफ की ओर से तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयास में भी दरारें दिख रही हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर ममता विरोधी सभी दल एक जुट दिख रहे हैं।

क्या तीसरे मोर्चा बनेगा?

पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह आरोप लगाया था कि सभी विरोधी दल इकट्ठा होकर उन्हें पराजित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन चुनाव परिणाम में 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 43.7 फीसद वोटों के साथ 22 और विधानसभा चुनाव में 48.5 फीसद वोटों के साथ 213 सीटें जीतने में सफलता हासिल की थी। भाजपा को 2019 में 40.6 फीसद वोटों के साथ 19 और 2021 में 38.5 फीसद वोटों के साथ 77 सीटों पर सफलता मिली थी।

इस तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल-भाजपा को 84 फीसद से अधिक और 2021 में 87 फीसद वोट हासिल हुए। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-माकपा का खाता भी नहीं खुला, जबकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटें जीतने में सफलता हासिल की।

तब वामपंथी दलों की ओर से आरोप लगाया गया कि हमारे वोट तो कांग्रेस में ट्रांसफर हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेसी मतदाता हमें वोट नहीं दे रहे हैं। जबकि यही आरोप कांग्रेस ने कई जगह लगाया। इस बार तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद के बीच वामपंथी और कांग्रेसी मतदाताओं को लेकर विरोधी एक बार फिर संशय में दिख रहे हैं।

कांग्रेस का क्या कहना है?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी इंडिया गठबंधन बनने के बाद से ही कहते रहे हैं कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पहले की तरह वामपंथी दलों से तालमेल होगा। इस बार तालमेल की चर्चा के बीच कूचबिहार और दार्जीलिंग में दोनों दलों के उम्मीदवार होने के कारण चौतरफा मुकाबले के आसार हैं।

पुरूलिया में कांग्रेस ने फारवर्ड ब्लाक के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया है। कूचबिहार की कांग्रेस उम्मीदवार पिया रायचौधरी के पति विश्वजीत सरकार का कहना है कि फारवर्ड ब्लाक एलान कर रहा है कि उन्हें कांग्रेस के वोट की जरुरत नहीं है। जबकि यहां वामपंथी वोट हैं। इसी तरह के हालात पुरूलिया में हैं। पुरूलिया में कुर्मी मतदाता किधर जाएंगे, यह भी देखने वाली बात है। माकपा ने एलान किया है कि पुरूलिया में कांग्रेस को समर्थन देंगे। जबकि फारवर्ड ब्लाक का कहना है कि दूसरे वामपंथी दल हमारे साथ हैं।

कहां है तीसरा मोर्चा बनने की संभावना?

तीसरा मोर्चा में दरार की स्थिति मालदह उत्तर, हावड़ा,बीरभूम, हुगली समेत दक्षिण बंगाल के 10 जिलों में है। मालदह उत्तर में कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर असंतोष दिख रहा है। भले ही यह कहा जा रहा है कि मिलकर प्रचार करेंगे, लेकिन कांग्रेस के कई नेता प्रचार से दूर रह सकते हैं। दूसरी ओर, वाममोर्चा की अंदरूनी खबर के मुताबिक, माकपा ने बीरभूम सीट कांग्रेस को छोड़ कर गलती की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां वामपंथी वोट कांग्रेस को मिलने के आसार नहीं हैं।

सीपीआइ, आरएसपी नेतृत्त्व का कहना है कि गठजोड़ की अनिश्चितता को लेकर नतीजे विपरीत हो सकते हैं। हमें कांग्रेस के समर्थन की जरुरत है, लेकिन वह कितना मिलेगा, इसे लेकर संदेह है। फारवर्ड ब्लाक के राज्य सचिव नरेन चट्टोपाध्याय का कहना है कि हम लोग कहीं भी कांग्रेस का समर्थन नहीं कर रहे हैं। स्वाभाविक है कि कांग्रेस का समर्थन भी हमें नहीं मिलेगा। हम लोगों ने यह पहले ही माकपा ही नहीं वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस को बता दिया था। हालांकि उत्तर बंगार के रायगंज में इमरान रामज (विक्टर) का कहना है कि यहां पहले दिन से ही साझा प्रचार शुरू हो गया है।

दूसरी ओर, आइएसएफ का कट्टर सांप्रदायिक रवैया भी तीसरे मोर्चे की राह का रोड़ा बना हुआ है। कांग्रेस और माकपा के सहारे विधानसभा में भांगड़ सीट पर विजयी नौशाद सिद्दिकी जादवपुर समेत 8 सीटों पर एकतरफा उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही गठजोड़ में 12 सीटों की मांग की है। जबकि माकपा का फार्मुला सीपीआइ, आरएसपी और फारवर्ड ब्लाक को तीन-तीन ( कुल मिलाकर नौ सीटें) और खुद 33 सीटें लेने का रहा है।

माकपा और कांग्रेस में जमीनी स्तर पर रिश्ते भले ही कैसे भी हों, लेकिन दोनों के प्रमुख नेता मानते हैं कि तीसरा मोर्चा सफल रहेगा। माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम मुर्शिदाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के अबू ताहेर खान से है। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी बहरमपुर से उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार व स्टार क्रिकेटर इरफान पठान के साथ है। दोनों दलों ने एक दूसरे के जीत की भविष्यवाणी की है।