लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी को महाराष्ट्र की बारामती, रायगढ़, शिरूर और परभणी सीटें मिली हैं। बारामती शरद पवार का गढ़ माना जाता है।
NDTV की खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी 31 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारेगी। शिवसेना 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं एनसीपी को 4 सीटें दी गई हैं। बारामती सीट पर इस बार भाभी-ननद का मुकाबला तय माना जा रहा है। डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट से उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती से टिकट दिया जाना तय है। वहीं, शरद पवार गुट ने मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले को यहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। सुप्रिया सुले यहां से लगातार 3 बार की सांसद हैं।
बारामती सीट का समीकरण
बारामती लोकसभा सीट के अंदर 6 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें दौंड, इंदापुर, बारामती, पुरंदर, भोर और खड़कवासला शामिल हैं। इनमें से दो सीटों पर एनसीपी, एक-एक सीट पर कांग्रेस, बीजेपी, शिवसेना और राष्ट्रीय समाज पक्ष के विधायक हैं। इस सीट को शरद पवार का गढ़ माना जाता है। 1991 में अजित पवार यहां सांसद बने। 1996 से लेकर 2004 तक लगातार 4 बार शरद पवार ही यहां से सांसद रहे। शरद पवार के बाद ये सीट को उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने 2009 से लेकर अब तक अपने कब्जे में रखा है। इस सीट से सुप्रिया सुले मौजूदा सांसद हैं। इस बार उनका मुकाबला अपनी भाभी से होने की संभावना है।
शिवसेना की तरफ से 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सांसद चुनकर आये थे । 18 में से 13 सांसद एकनाथ शिंदे के साथ तो 5 उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ हैं। एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर एक बैठक दिल्ली में हुई थी जिसमें बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस, शिंदे गुट से एकनाथ शिंदे और एनसीपी से अजित पवार शामिल थे।
कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार की पार्टी के बीच सीट बंटवारे पर पेंच
वहीं, महाराष्ट्र में कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार की पार्टी के बीच भी सीट बंटवारे पर पेंच फंसा है। मंगलवार को वंचित आघाड़ी के प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि राज्य की कुल 48 सीटों में से 10 सीटों पर मामला नहीं सुलझ रहा है। घटक दलों के बीच रस्साकशी है। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा है कि आप हमारे साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरें। आंबेडकर ने कांग्रेस के सामने प्रस्ताव रखा है कि वंचित बहुजन आघाड़ी और कांग्रेस को सीट बंटवारे पर मिलकर चर्चा करनी चाहिए।