लोकसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान होगा। छत्तीसगढ़ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि बस्तर लोकसभा सीट में मतदान की तैयारी पूरी ली गई है। नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षाबलों के 60 हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है।

कंगाले ने बताया कि शुक्रवार को बस्तर क्षेत्र के कुल 14,72,207 मतदाता, जिनमें 7,71,679 महिला तथा 7,00,476 पुरुष मतदाता शामिल हैं, अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

1961 मतदान केंद्र

बस्तर लोकसभा में 1961 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। जिनमें मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के तीन, गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के छह तथा दो निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। कंगाले ने बताया कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा तथा जगदलपुर के 72 मतदान केंद्रों में सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान होगा।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र के बस्तर और जगदलपुर के शेष 175 मतदान केंद्रों में सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण में निर्वाचन संपन्न कराने के लिए 1961 मतदान दल, जिनमें 9864 मतदान कर्मी शामिल हैं, अपने मतदान केंद्र तक पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि दुर्गम एवं संवेदनशील क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों में कुल 156 मतदान दलों, जिसमें 919 मतदान कर्मी हैं, को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निर्वाचन संपन्न कराने के लिये भेजा गया है। इस चरण में कुल 61 अतिसंवदेशील तथा 196 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं।

अधिकारियों का क्या कहना है?

अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में 102 गांव ऐसे हैं जहां पहली बार मतदान केंद्र स्थापित किया गया है। शांतिपूर्ण मतदान के लिए क्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षाबलों की 350 कंपनियां तैनात की गई हैं और राज्य बल की 300 कंपनियां भी वहां तैनात हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद क्षेत्र में 51 बारूदी सुरंग बरामद की गई हैं। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षाबलों के 60 हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा चुनाव बहिष्कार की घोषणा को देखते हुए बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।

किन उम्मीदवारों के बीच है मुकाबला?

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा चुनाव बहिष्कार की घोषणा को देखते हुए बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला यहां सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस के मध्य है। 2000 में राज्य निर्माण के बाद नक्सल प्रभावित इस लोकसभा क्षेत्र में 2004, 2009 और 2014 में भाजपा के उम्मीदवार की जीत हुई थी। लेकिन 2019 में यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवार दीपक बैज पर भरोसा जताया था।

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार सत्ताधारी दल भाजपा ने एक नए चेहरे महेश कश्यप को मैदान में उतारा है। कश्यप पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद दीपक बैज, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं का टिकट काटकर कोंटा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को मैदान में उतारा है। राज्य में पहले चरण के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रचार किया। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी क्षेत्र में एक रैली कर अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार किया। इस दौरान पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज मौजूद रहे।

इनपुट : भाषा