Lok Sabha Election 2019: आगामी 23 मई को 17वीं लोकसभा के नतीजे घोषित होने वाले हैं। इसी बीच ईवीएम का मुद्दा फिर से गरमा गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ वीडियो क्लिप काफी शेयर हो रही हैं, जिनमें दिखाई दे रहा है कि ईवीएम निजी वाहनों में ट्रांसपोर्ट हो रही है। इन वीडियो क्लिप्स के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। सोमवार को एक मोबाइल क्लिप सामने आयी थी, जिसमें उत्तर प्रदेश के चंदौली लोकसभा सीट के एक कमरे में ईवीएम रखी जा रही हैं। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग ईवीएम एक गाड़ी से उतारकर कमरे में रख रहे हैं और इस दौरान वहां कोई सुरक्षाकर्मी भी नहीं दिखाई दे रहा है।

एनडीटीवी की एक खबर के अनुसार, जब इस बारे में प्रशासन से सवाल किया गया तो अधिकारियों ने बताया कि उक्त वीडियो में दिखाई दे रहीं ईवीएम रिजर्वड थीं और उन्हें चंदौली की एक विधानसभा सीट से स्टोरेज रुम लाया गया था। गौरतलब है कि नियमों के मुताबिक रिजर्व ईवीएम भी इस्तेमाल की गई ईवीएम के साथ ही स्टोरेज रुम में जमा की जाती हैं। जिसके चलते लोग, मतदान के एक दिन बाद ईवीएम लाए जाने पर सवाल उठा रहे हैं। चंदौली की तरह ही उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में भी ईवीएम को लेकर हंगामा हुआ है। दरअसल गाजीपुर से बसपा-सपा गठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया है कि ईवीएम से भरे एक वाहन को ले जाने की कोशिश की गई। इसके विरोध में अफजाल अंसारी अपने समर्थकों के साथ धरने पर भी बैठ गए थे। हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने और ईवीएम की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त करने के बाद अफजाल अंसारी और उनके समर्थकों ने धरना समाप्त किया।

बीते मंगलवार को यूपी के डुमरियागंज में भी सपा-बसपा समर्थकों ने ईवीएम से भरे एक मिनी ट्रक को पकड़ा था। बताया गया कि यह ट्रक स्टोरेज रुम से निकला था। इस दौरान गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम से धांधली किए जाने की आशंका जाहिर की थी। बाद में लोगों के विरोध के बाद ईवीएम से भरे ट्रक को वापस स्टोरेज रुम में भेज दिया गया था। ईवीएम ट्रांसपोर्ट करने की यह घटनाएं उत्तर प्रदेश, बिहार समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में देखने को मिली। बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी मंगलवार को एक ट्वीट कर ईवीएम को ट्रांसपोर्ट किए जाने पर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

पीडीपी की नेता और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर ईवीएम के इस तरह ट्रांसपोर्टेशन पर सवाल उठाए। मुफ्ती ने अभी तक चुनाव आयोग द्वारा इस पर स्पष्टीकरण ना दिए जाने पर भी चिंता जाहिर की। महबूबा मुफ्ती ने एग्जिट पोल के बाद ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों को दूसरी बालाकोट स्ट्राइक बताया। हालांकि चुनाव आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठ रही आशंकाओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया और कहा है कि ईवीएम की प्रोटोकॉल के तहत ही पूरी सुरक्षा प्रदान की जा रही है। ईवीएम को लेकर सवाल ऐसे वक्त में उठे हैं, जब 19 विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को ईवीएम में कथित धांधली को लेकर बैठक की और बाद में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग की।