Rae Bareli Lok Sabha Chunav Result 2024: देश की सबसे वीआईपी सीटों में से एक उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को 390030 वोटों के अंतर से हरा दिया है। राहुल गांधी रायबरेली के अलावा वायनाड से भी चुनाव लड़े थे। वहां भी उन्हें जीत हासिल हुई है। रायबरेली में राहुल गांधी को कुल 687649 वोट प्राप्त हुए जबकि दिनेश प्रताप सिंह को 297619 को वोट मिले। बता दें कि इस सीट पर पिछले 2 चुनाव 2014 और 2019 का सोनिया गांधी ने लड़ा था।
रायबरेली लोकसभा सीट परिणाम 2024
उम्मीदवार | पार्टी | वोट प्राप्ति | हार/जीत का मार्जिन |
राहुल गांधी | कांग्रेस | 687649 | 390030 |
दिनेश प्रताप सिंह | बीजेपी | 297619 | 390030 |
गांधी परिवार का गढ़ रही है रायबरेली सीट
रायबरेली लोकसभा सीट पर बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव पर दांव खेला, लेकिन इस सीट से सीधी टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी और बीजेपी प्रत्याशी दिनेश सिंह के बीच देखने को मिल रही है। गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाली रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी अजेय रही हैं, लेकिन कांग्रेस का वोट प्रतिशत चुनाव दर चुनाव कम हुआ है।
2019 लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर का परिणाम (Rae Bareli Lok Sabha Elections Result)
उम्मीदवार | दल | मत |
सोनिया गांधी | कांग्रेस | 5,34,918 |
दिनेश प्रताप सिंह | बीजेपी | 3,67,740 |
रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है। पिछले पांच चुनाव से कांग्रेस ने यह सीट जीतती रही है। सोनिया गांधी लगातार इस सीट से चार बार सांसद बनी (2004-2019) हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को हराया था।
2014 लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर का परिणाम (Rae Bareli Lok Sabha Elections Result)
इससे पहले 2014 के चुनाव में भी सोनिया गांधी रायबरेली लोकसभा से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में सोनिया गांधी ने भाजपा उम्मीदवार अजय अग्रवाल को भारी अंतर से हराया था।
उम्मीदवार | दल | मत |
सोनिया गांधी | कांग्रेस | 5,26,434 |
अजय अग्रवाल | बीजेपी | 1,73,721 |
कौन हैं राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले दिनेश प्रताप सिंह?
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस से 2010 में पहली बार और 2016 में दूसरी बार विधान परिषद सदस्य बने थे। 2018 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें रायबरेली से सोनिया गांधी के मुकाबले मैदान में उतारा था। दिनेश ने पूरे दमखम से चुनाव लड़ा। उनकी उम्मीदवारी की वजह से सोनिया गांधी के वोटों का ग्राफ काफी नीचे आया।