Lok Sabha Election 2019: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को वादा किया कि लोकसभा चुनावों के बाद अगर विपक्षी गठबंधन सत्ता में आया तो नोटबंदी की जांच करायी जाएगी और योजना आयोग को बहाल किया जाएगा। ममता ने अपनी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को जारी करते हुए कहा कि 100 दिनों के काम की योजना को बढ़ाकर 200 दिनों का किया जाएगा और इसके तहत मजदूरी भी दोगुनी की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम नोटबंदी के फैसले की जांच कराएंगे और योजना आयोग को वापस लाएंगे। नीति आयोग की कोई उपयोगिता नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मौजूदा जीएसटी की समीक्षा करेंगे। अगर इससे वास्तव में लोगों को मदद मिल रही है तो हम इसे बनाए रखेंगे।’’ ममता ने बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक के के शर्मा को लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल और झारखंड का विशेष पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर भी आपत्ति जतायी।
उन्होंने कहा, ‘‘एक अवकाशप्राप्त पुलिस अधिकारी किस प्रकार पुलिसर्किमयों की तैनाती पर गौर कर सकता है? महानिदेशक के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आरएसएस के एक कार्यक्रम में भाग लिया और वह भी वर्दी में।’’
सीएम ममता ने इसके अलावा मिशन शक्ति के ऐलान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा। बुधवार को उन्होंने इसे पीएम का राजनीतिक ऐलान बताया। कहा- वैज्ञानिकों को इस बारे में घोषणा करनी चाहिए थी। उन्हें ही इसका श्रेय जाता है। सिर्फ एक सैटेलाइट नष्ट की गई, यह जरूरी नहीं है। हो सकता है कि वह वहां काफी पहले से मौजूद हो। यह वैज्ञानिकों का विशेषाधिकार है कि आखिर वह कब इस बात का ऐलान करते हैं। हम इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे।
टीएमसी सुप्रीमो यहीं नहीं रुकीं। बोलीं, ‘‘आज सुबह मेरी बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी जी से फोन पर बात हुई। मैंने उनकी तबीयत के बारे में जाना। वह बोले- मुझे अच्छा लगा कि आपने फोन किया।’’ आगे उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में दुखद है कि बीजेपी अपने संस्थापक सदस्यों से ऐसा व्यवहार कर रही है। मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती हूं, क्योंकि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है।’’