Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव से ऐन पहले आम आदमी पार्टी (आप) नमो टीवी के मसले पर चुनाव आयोग (ईसी) के पास पहुंची है। आप ने ईसी को चिट्ठी लिखी और पूछा कि आखिर उसने इस 24 घंटे वाले चैनल को लेकर क्या कार्रवाई की? मीडिया रिपोर्ट्स में आप के पत्र के हवाले से कहा गया, “चुनावी आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी क्या किसी टीवी चैनल को खुद का टीवी चैनल खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए? अगर ईसी ने इस बाबत कोई मंजूरी नहीं दी, तब उसने क्या ऐक्शन लिया?”
पत्र में आप ने आगे कहा, “क्या बीजेपी मीडिया सर्टिफिकेशन कमेटी के पास गई? क्या पार्टी ने चैनल पर दिखाई जाने वाली सामग्री और उसके प्रसारण पर आने वाले खर्च को लेकर सर्टिफिकेट हासिल किया? अगर नहीं, तब फिर एमसीसी के उल्लंघन को लेकर शो-कॉज नोटिस क्यों नहीं जारी हुआ?”
वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी नमो चैनल के प्रसारण पर फौरन रोक लगाने की मांग उठाई है। पार्टी ने इसके अलावा बीजेपी पर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप भी मढ़ा है। सोमवार (एक अप्रैल, 2019) को मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस मुद्दे पर ईसी से शिकायत की। कांग्रेस ने मांग की कि नमो चैनल के प्रसारण पर तत्काल रोक लगे।
कांग्रेस प्रदेश इकाई के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला के हवाले से ‘भाषा’ की रिपोर्ट में बताया गया, “आम चुनावों के मतदान से ठीक पहले बीजेपी द्वारा नमो टीवी चैनल का प्रसारण शुरू किया गया, जिससे आदर्श आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। मैंने इसके खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग को शिकायत की है।”
उन्होंने आगे कहा, “नमो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संक्षिप्त नाम है। इस चैनल पर मोदी के भाषण, रैली, बयान और भाजपा के पक्ष में विभिन्न कार्यक्रम दिखाये जायेंगे। हम मांग करते हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये निर्वाचन आयोग इस चैनल के प्रसारण पर तत्काल रोक लगाये।”
इसी बीच, इंदौर के जिला प्रशासन ने नमो टीवी चैनल के बारे में सोशल मीडिया पर सामने आयीं कुछ खबरों का संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगा है। जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने बताया, “स्थानीय स्तर पर चलाए जा रहे कुछ वॉट्सऐप समूहों पर सामने आई खबरों के मुताबिक, यह चैनल एक पार्टी के पक्ष में लगातार राजनीतिक कंटेंट प्रसारित कर रहा है। हमने इस बारे में ईसी को सूचित कर दिया है।”