Lok Sabha Election 2019 में भोपाल से बीजेपी कैंडिडेट बनाई गईं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की बयानबाजी के चलते शहीद आईपीएस अफसर हेमंत करकरे सियासत के केंद्र में आ गए हैं। इंदौर से लगातार आठ बार सांसद रहीं मौजूदा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सोमवार (29 अप्रैल) को कहा, ‘ऑन ड्यूटी मौत होने के चलते करकरे को शहीद माना जाएगा। लेकिन बतौर महाराष्ट्र एटीएस (आतंक रोधी दस्ता) प्रमुख के तौर पर उनकी भूमिका सही नहीं थी।’
महाजन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘करकरे के दो पहलू हैं। वे शहीद हैं क्योंकि उनकी मौत ऑन ड्यूटी हुई थी, लेकिन पुलिस ऑफिसर के रूप में उनकी भूमिका सही नहीं थी।’ बीजेपी नेता ने कहा कि उनके पास कोई सबूत तो नहीं है लेकिन उन्होंने सुना है कि भोपाल से कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए गए दिग्विजय सिंह जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब करकरे उनके दोस्त हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सीएम रहते हुए दिग्विजय सिंह ने कई बार आरएसएस पर आतंकी संगठन बनने और बम बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इंदौर से महाराष्ट्र एटीएस द्वारा की गई गिरफ्तारियां पूर्व मुख्यमंत्री के इशारे पर की गई कार्रवाई थी।
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महाजन ने यह भी कहा कि प्रज्ञा ठाकुर पुलिस हिरासत में प्रताड़ित होने वाली एकमात्र शख्स नहीं थीं। उन्होंने नवंबर 2008 में महाराष्ट्र एटीएस द्वारा इंदौर से पूछताछ के लिए ले जाए गए दिलीप पाटीदार का उदाहरण भी दिया। महाजन ने कहा कि इसके बाद पाटीदार कभी लौटे ही नहीं, उनके गायब होने का मुद्दा लोकसभा में भी उठाया गया था और कोर्ट में भी चल रहा है। महाजन ने कहा कि उन्हें पुलिस हिरासत में ही मार दिया गया, इन सभी तथ्यों पर भी किसी को जवाब देना चाहिए।
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दिग्विजय ने दिया जवाबः वहीं महाजन के जवाब में दिग्विजय ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सुमित्रा ताई, मुझे गर्व है कि आपने मुझे अशोक चक्र से सम्मानित शहीद हेमंत करकरे के साथ जोड़ा। आपका यह बयान उनके लिए भले ही अपमान हो सकता है लेकिन मैंने देशहित, राष्ट्र एकता और अखंडता की बात करने वालों का हमेशा पक्ष लिया है।’ इसके अलावा उन्होंने यह भी लिखा, ‘मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने बजरंग दल और सिमी दोनों को बैन करने का साहस दिखाया। मैंने घटिया राजनीति नहीं हमेशा देश को सर्वोपरि रखा है।’

