Lok Sabha Election 2019: चुनाव प्रचार में सेना का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने को लेकर दिग्गज सैन्यकर्मियों की चिट्ठी पर रक्षा मंत्री ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि चिट्ठी पर दो फौजियों के दस्तखत फर्जी हैं, जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभी तक वह पत्र नहीं देखा है। शुक्रवार (12 अप्रैल, 2019) को उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं आपको बताना चाहूंगी कि दो सीनियर अधिकारी (एक पूर्व एचई, दूसरे मेजर जनरल)…एयर मार्शल सूरी और जनरल रॉड्रिग्स के बयान सामने आए हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। उनकी तरफ से राष्ट्रपति को भेजी गई चिट्ठी अभी तक देखी नहीं गई है। पर मीडिया में बताया जा रहा है कि वह उसे देख चुके हैं।”
बकौल सीतारमण, “इन दोनों से साफ किया है कि उन्होंने उस याचिका के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। ऐसे में यह चिंता की बात है कि उन लोगों की मंजूरी के बगैर फर्जी चिट्ठी पर हस्ताक्षर कर के कुछ समूहों द्वारा चुनाव के वक्त राष्ट्रपति के पास भेजी गई, यह निंदनीय है।” उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि कम से चुनाव के समय तो फर्जी शिकायतें तो नहीं दी जानी चाहिए। अगर असल में दिक्कत तो उसे लेकर शिकायत दी जानी चाहिए।
राष्ट्रपति को लिखे खत में हस्ताक्षर करने वाले पूर्व सैन्यकर्मियों में सबसे पहला नाम जनरल एसएफ रॉड्रिग्स का है। पर ‘एएनआई’ के मुताबिक, उन्होंने चिट्ठी पर साइन करने से इन्कार किया है। एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी न्यूज एजेंसी से कहा कि यह एडमिरल रामदास का पत्र नहीं है। यह किसी मेजर चौधरी द्वारा लिखा गया है। उन्होंने ही उसे लिखा, जिसके बाद पत्र वॉट्सऐप और ई-मेल पर आया।
सुनें, रक्षा मंत्री ने इस मसले पर क्या कहा-
#WATCH Nirmala Sitharaman on purported letter to Pres signed by Armed Forces veterans: 2 senior officers said they haven’t given consent,worrying that fake letters being signed by vested groups.Condemnable. Rashtrapati Bhawan has also said that they have not received the letter. pic.twitter.com/VQdWhbgKh5
— ANI (@ANI) April 12, 2019
वहीं, पूर्व आर्मी वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडू बोले कि न तो उनसे पत्र को लेकर कोई सहमति ली गई और न ही उन्होंने ऐसी कोई चिट्ठी लिखी। हालांकि, मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने बताया कि उसने खत पर साइन कराने के लिए पूछा गया था और उन्होंने मामले की जानकारी के बाद उस पर सहमति दी थी।
दरअसल, आम चुनाव से ऐन पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बता दिया था, जबकि पाकिस्तान से भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की मुल्क वापसी पर बीजेपी के कुछ नेताओं के फोटो वायुसेना और अभिनंदन के फोटोज़ के साथ सामने आए थे। इसी पर कुछ पूर्व सैनिकों ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि चुनावी प्रचार के लिए सेना का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।