PM Narendra Modi biopic Stopped by EC: चुनाव आयोग (ईसी) ने बुधवार (10 अप्रैल, 2019) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पर रोक लगा दी। यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होनी थी, पर ईसी ने चुनावी आचार संहिता लागू होने का हवाला देकर इस पर रोक लगा दी। आयोग के आदेश के अनुसार, चुनाव के समय वह ऐसी किसी फिल्म को दिखाने की मंजूरी नहीं देगा, जो किसी राजनीतिक दल या राजनेता के चुनावी हितों का पोषण करती हो। दरअसल, ईसी के पास पीएम नरेंद्र मोदी, एनटीआर लक्ष्मी और उद्यमा सिंहम फिल्म को लेकर शिकायत दी गई थी, जिस पर बुधवार को उसका यह बयान आया।
ईसी के ताजा फैसले से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर स्टे लगाने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह तय करना ईसी का काम है कि फिल्म किसी चुनावी पार्टी या व्यक्ति-विशेष का समर्थन करती है या नहीं। ईसी ने इस बाबत सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को चिट्ठी लिखी थी।
पत्र के जरिए कहा गया था- सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या फिर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाई जाए, जो आचार संहिता के उल्लंघन के मसले पर सभी राजनीतिक इलेक्ट्रॉनिक सामग्री (फिल्में भी शामिल) की जांच करेगी।
ईसी ने इस बाबत सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को चिट्ठी लिखी थी। पत्र के जरिए कहा गया था- सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या फिर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाई जाए, जो आचार संहिता के उल्लंघन के मसले पर सभी राजनीतिक इलेक्ट्रॉनिक सामग्री (फिल्में भी शामिल) की जांच करेगी।
बकौल प्रड्यूसर, “मुझे लगता है कि देश में किसी भी राजनीतिक दल को इससे समस्या नहीं होगी, क्योंकि ईसी, सीबीएफसी और सभी कोर्ट ने सारी याचिकाओं को खारिज कर दिया है और हमारी फिल्म भी रिलीज के लिए तैयार है। हम उन सभी के शुक्रगुजार हैं, जिसने हमारी फिल्म के लिए प्रार्थनाएं कीं।”
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी फिल्म पर रोक लगाने के संबंध में दी गई याचिका पर कहा था कि ईसी इस मसले से निपटेगा। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने भी इससे पहले फिल्म पर बैन लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
बता दें कि माकपा सहित अन्य विपक्षी दलों की शिकायत पर ईसी ने बायोपिक को दिखाने की मंजूरी नहीं दी। शिकायत में कहा गया कि पीएम मोदी पर बनी बायोपिक को चुनाव के वक्त दिखाने का मकसद बीजेपी को चुनावी फायदा पहुंचाना है। ऐसे में चुनाव के दौरान इसकी स्क्रीनिंग की अनुमति देने से चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा। फिल्म में मुख्य भूमिका (पीएम मोदी की) विवेक ओबरॉय ने निभाई है।