Karnataka Assembly Elections: कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है, लेकिन इसी बीच कर्नाटक फतह की तैयारी में जुटी भाजपा को मंगलवार (11 मार्च, 2023) को करारा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव से एक महीने से भी कम वक्त से पहले पार्टी के अंदर बगावत शुरू हो गई है। छह बार के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने पार्टी हाईकमान का फैसला मानने से मना कर दिया है।
जगदीश शेट्टार का यह फैसला पार्टी आलाकमान के खिलाफ है। आलाकमान चाहता था कि शेट्टार इस बार चुनाव न लड़ें। बीजेपी हाईकमान ने इसके लिए जगदीश शेट्टार से इस बात की घोषणा करने के लिए कहा था कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन शेट्टार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
मंगलवार शाम को शेट्टार ने मीडिया से बातचीत के दौरान खुलासा किया। शेट्टार ने कहा, ‘पार्टी आलाकमान ने उन्हें आखिरी समय में आगामी चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से निराश हूं। मैंने 30 साल से अधिक समय तक पार्टी के लिए काम किया है और इसे खड़ा किया है। वे मुझे 2-3 महीने पहले बता सकते थे और मैंने इसे स्वीकार कर लिया होता। लेकिन नामांकन दाखिल करने के कुछ दिन पहले ही मुझे चुनाव न लड़ने की सूचना दी गई है। मैंने पहले ही निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार शुरू कर दिया है।’
वफादारी एक समस्या में बदल गई: शेट्टार
शेट्टार ने कहा, ‘जब उन्होंने मुझे (पार्टी) चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा, तो मैंने उन्हें बता दिया कि मैं किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ूंगा और उनसे पुनर्विचार करने को कहा है। मैंने पूछा है कि क्या सत्ता विरोधी लहर है या कोई आरोप हैं। मुझे विश्वास है कि वे मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे।” शेट्टार ने कहा कि उन्हें मंगलवार को आलाकमान का फोन आया था। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के सर्वे भाजपा की लहर का संकेत दिया है। राजनीति में मेरा कोई काला निशान नहीं है। मैं पार्टी के प्रति वफादार रहा हूं और मुझे लगता है कि वफादारी एक समस्या में बदल गई है। साल 2018 में शेट्टार हुबली-धारवाड़ विधायक चुने गए थे।
बी एस येदियुरप्पा के भरोसेमंद सहयोगी शेट्टार 2012 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे, जब राज्य में भाजपा खनन विवाद में फंस गई थी। उन्होंने तब डी वी सदानंद गौड़ा का स्थान लिया था। वह कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता भी थे।
जनसंघ से जुड़ा रहा शेट्टार का परिवार
शेट्टार का परिवार पांच दशकों से जनसंघ से जुड़ा रहा। साथ ही आरएसएस के साथ भी काम कर रहा है। उनके भाई प्रदीप शेट्टार एमएलसी हैं, जबकि उनके चाचा सदाशिव शेट्टार हुबली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे। उनके पिता एस एस शेट्टार को हुबली-धारवाड़ नगर निगम के मेयर के रूप में चुना गया था। लगभग दो दशकों से हुबली-धारवाड़ जिले की राजनीति पर जगदीश शेट्टार और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की मजबूत पकड़ रही है।
बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के तहत मतदान होना है, जबकि नतीजे 13 मई को आएंगे। इस बार राज्य में बीजेपी, जेडीएस और कांग्रेस के बीच अहम मुकाबला माना जा रहा है।