पांच राज्यों में हार के बाद जी-23 के नेताओं में गांधी परिवार के खिलाफ कोई सबसे ज्यादा मुखर है तो वो हैं कपिल सिब्बल। वो हर हाल में अध्यक्ष की कुर्सी से सोनिया गांधी को हटाने पर आमादा हैं तो उनकी कोशिश यह भी है कि राहुल गांधी या प्रियंका गांधी अपनी मां की जगह न ले पाएं। लेकिन अपने तीखे तेवरों के लिए उन्हें अब कांग्रेस नेताओं के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। वो उनसे उनकी हैसियत तक पूछने लगे हैं।
ताजा मामले में पंकज पूनिया ने सिब्बल को चुनौती देते हुए कहा कि कपिल सिब्बल जी आप सिर्फ दिल्ली में किसी एक सीट अपने दम पर जीत कर दिखा दो। फिर हम सब आप के साथ गांधी परिवार से इस्तीफा मांगेंगे। नहीं तो आप ये भाजपा की भाषा बोलना बंद कर दो। उनका इशारा साफ है कि गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल बीजेपी के इशारे पर गांधी परिवार से पंगा ले रहे हैं। आजाद को तो मोदी सरकार ने हाल ही में पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। कांग्रेस नेताओं को मोदी सरकार का ये फैसला बहुत ज्यादा अखरा था।
वैसे ये पहली दफा नहीं है कि जब जी 23 नेता गांधी परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। तकरीबन साल भर पहले कांग्रेस के 23 नेताओं ने एक मंच पर आकर गांधी परिवार से सवाल किए थे। इन लोगों की मांग पार्टी के संगठन चुनाव कराने की है। गांधी परिवार इनकी मांग को लेकर सकते में आ गया था।
लेकिन उसके बाद के दौर में सोनिया गांधी ने अपनी रणनीति से कई को इनसे अलग-थलग कर दिया। माना जा रहा था कि ये बागी गुट अपनी धार खो चुका है और गांधी परिवार को चुनौती देना इनके वश में नहीं है। लेकिन चुनावी हार ने सारा गेम पलट दिया। अब ये फिर से गांधियों से जवाब मांग रहे हैं।
कपिल सिब्बल जी आप सिर्फ़ दिल्ली में कोई एक सीट अपने दम पर जीत कर दिखा दो फिर हम सब आप के साथ गांधी परिवार से इस्तीफ़ा माँगेंगे, नहीं तो आप ये भाजपा की भाषा बोलना बंद कर दो….
— Pankaj Punia (@IND_PankajPunia) March 15, 2022
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार के औचित्य पर ही सवाल उठा दिए। उनका कहना था कि अब नेतृत्व किसी गैर गांधी को सौंपा जाना जरूरी है। पांच सूबों की हार पर उनका कहना था कि ये गांधी परिवार की नाकामी है कि आज कांग्रेस लड़ने की स्थिति में भी नहीं है। वैसे कांग्रेस की हार के बाद ये बागी गुट तब सक्रिय होता दिखा जब गुलामनबी आजाद के घर पर सिब्बल व मनीष तिवारी को देखा गया। उसके बाद से तय था कि ये गुट गुल खिलाएगा। रविवार को वर्किंग कमेटी की बैठक में इन लोगों के तेवर तीखे थे।