Jharkhand Vidhan Sabha Election Chunav Result 2019, Jharkhand Election Results 2019 Highlights: झारखंड में JMM, Congress और RJD के महागठबंधन ने मंगलवार रात सरकार बनाने का दावा पेश किया। राजभवन जाकर दावा पेश करने के बाद जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने पत्रकारों को बताया- हमने 50 विधायकों के समर्थन के साथ झारखंड में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। हमने राज्यपाल से गुजारिश की है कि वह हमें सूबे में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें।
सूबे में इस बार BJP को तगड़ा झटका लगा है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने भाजपा को जोरदार पटखनी दी है। सोरेन अब राज्य के नए सीएम बनेंगे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हेमंत सोरेन 27 दिसंबर को शपथ ले सकते हैं। इस दौरान जेएमएम के 6, कांग्रेस के 5 और आरजेडी के कोटे से एक मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि स्पीकर का पद कांग्रेस के खाते में जा सकता है।
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यहां आपको बता दें कि इस चुनाव में रघुवर दास, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुओ और विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को हार का सामना करना पड़ा है। चुनावी जंग में दस महिलाओं ने भी जीत दर्ज की है, जिसमें 6 पहली बार जीत कर विधानसभा में जीत कर पहुंची हैं।
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वहीं, चुनाव जीतने वालों में 41 फीसदी युवा चेहरे हैं। झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था।
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Highlights
बता दें कि सूबे में गठबंधन ने 47 सीटें जीती हैं, जबकि BJP 25 सीटों पर जीत हासिल कर सकी। गठबंधन में शामिल जेएमएम ने 30, आरजेडी ने एक और कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, आजसू दो और झारखंड विकास मोर्चा के खाते में तीन सीटें गईं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य विधानसभा चुनावों में विजयी विपक्षी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे।
भाजपा प्रावक्ता संबित पात्रा से ‘पांच ट्रिलियन डॉलर में कितने जीरो’ वाले सवाल से चर्चा में आए कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ का चुनावी राजनीति का आगाज कुछ खास नहीं रहा और झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। वल्लभ का कहना है कि चुनावी राजनीति का उनका सफर जारी रहेगा और वह एक हार से पीछे नहीं हटने वाले हैं।
राज्य की जमशेदपुर-पूर्व विधानसभा सीट से उम्मीदवार रहे कांग्रेस प्रवक्ता वल्लभ को निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ उम्मीदवार बनाया गया था। उन्हें महज 18976 वोट मिले, जबकि इस सीट पर कुल 173618 वोट पड़े थे। इस सीट पर निर्दलीय सरयू राय ने दास को 15 हजार से अधिक मतों से पराजित किया।
झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के विधायक दल की बैठक यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर शाम को होनी है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आज यहां इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य विधानसभा के लिए चुने गये 16 विधायकों की बैठक आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर शाम को होगी जिसमें कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जायेगा। जिसके लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव को केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर यहां भेजा है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि झारखंड का चुनाव परिणाम देशभर में भाजपा के भगवा प्रभाव को कम करेगा। झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की है और भाजपा सत्ता से अपदस्थ हो गई है।
पवार ने ट्वीट किया, ‘‘झारखंड चुनाव में गठबंधन की शानदार जीत के लिए हेमंत सोरेन जी को बधाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड का जनादेश एक नए पैटर्न को रेखांकित करता है जो देशभर में भाजपा के भगवा प्रभाव को कम करने की प्रक्रिया में मदद करेगा।’’ झामुमो नेता हेमंत सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे।
हरियाणा और महाराष्ट्र में उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन करने के बाद झारखंड में भाजपा को मिली पराजय से ये विचार प्रबल हो रहे हैं कि स्थानीय नेतृत्व के अलावा क्षत्रपों को भी तरजीह दिया जाना चाहिए और उनकी चिंताओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही स्थिति का आकलन करेगा कि झारखंड में क्या गलत हुआ और कहा कि नेतृत्व और राज्य इकाई में आंतरिक कलह जैसे स्थानीय मुद्दों के अलावा एकताबद्ध विपक्ष को लेकर भी विश्लेषण किया जाएगा और दिल्ली सहित आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाई जाएगी।
बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित होने वाली गठबंधन सरकार को बिना शर्त बाहर से समर्थन देने की घोषणा की ।
महागठबंधन में शामिल राजद, जेएमएम और कांग्रेस के नेताओं की बैठक आज शिबू सोरेन के घर पर होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रात 8 बजे तीनों दलों के नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हो सकते हैं। हेमंत सोरेन कांग्रेस के इन बड़े नेताओं से जल्दी ही मुलाकात कर इन्हें समारोह में आने का आमंत्रण भी देंगे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल की बैठक के बाद हेमंत सोरेन आपैचारिक तौर पर राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू से मिलकर झामुमो, कांग्रेस और राजद की महागठबंधन सरकार का दावा पेश करेंगे। यहां से न्योता मिलने के बाद झारखंड में नई सरकार की ताजपोशी होगी। अब तक की जानकारी के मुताबिक रांची के मोरहाबादी मैदान में झामुमो नीत सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू कर दी गई है।
मनोहरपुर की जेएमएम विधायक जोबा मांझी ने कहा कि झारखंड में हमारी मजबूत सरकार बनेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगी। हम झारखंड को विकसित राज्य बनाएंगे।
राजधानी रांची में मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन के आवास पर बैठक में औपचारिक तौर पर कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुन लिया गया। अब ऐसी उम्मीद है कि पार्टी की ओर से विधिवत नेता चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन आज ही शाम में राज्यपाल के पास जाकर महागठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
मुख्यमंत्री रघुवर दास जहां अपने निर्वाचन क्षेत्र जमशेदपुर (पूर्वी) से अपने ही मंत्रिमंडल के सदस्य रहे सरयू राय से 15,833 वोटों के अंतर से हार गए हैं। इस चुनाव में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को भी हार का सामना करना पड़ा।
रघुवर दास 1995 से लगातार जमशेदपुर पूर्व से चुनाव लड़ते आ रहे हैं और पांच बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं। बीजेपी और उसके सहयोगियों द्वारा बनाई गई हर सरकार में रघुवर दास की भूमिका हमेशा से अहम रही है। रघुवर दास 15 नवंबर 2000 से 17 मार्च 2003 तक श्रम मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद मार्च 2003 से 14 जुलाई 2004 तक भवन निर्माण मंत्री और 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक प्रदेश में वित्त, वाणिज्य और नगर विकास मंत्री रहे। इसके अलावा 30 दिसंबर 2009 से 29 मई 2010 तक शिबू सोरेन की सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। पार्टी ने उनके लंबे अनुभव और पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए दिसंबर 2014 में मुख्यमंत्री बनाकर सम्मानित किया। झारखंड के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास ने दिसंबर 2014 में शपथ ली थी।
झारखंड गठन के बाद की स्थिति देखें तो भाजपा का जनजातीय सीटों पर अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। भाजपा ने 2005 में 28 में से नौ जनजातीय सीट जीती थीं। 2009 में भाजपा ने 28 में नौ तथा 2014 में 10 सीटें जीती थीं। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रति जनजातियों की नाराजगी स्पष्ट रूप से दिखी।
इस चुनाव में कांग्रेस ने छह एसटी सीट पर कब्जा जमाया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव सहित छह प्रत्याशी जीते हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। 2009 में कांग्रेस को मात्र दो सीटें ही मिल पाई थी।
झारखंड विधानसभा चुनाव में जनजातीय सीटों पर महागठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। झारखंड विधानसभा के 81 सीटों में 28 सीटें जनजातीय के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 25 सीटों पर झामुमो और कांग्रेस को सफलता मिली। एक सीट पर झारखंड विकास मोरचा की जीत हुई। भाजपा मात्र दो सीट जीत पाई।
हेमंत सोरेन के इससे पहले सीएम बनने की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल साल 2010 में जब वो अर्जुन मुंडा के साथ सरकार में शामिल हुए तो बीजेपी और जेएमएम के बीच एक डील हुई थी। इस डील के मुताबिक दोनों आधी-आधी अवधि तक मुख्यमंत्री रहने वाले थे। पहले आधे कार्यकाल में अर्जुन मुंडा सीएम बने और हेमंत डिप्टी सीएम लेकिन बात बीच में ही बिगड़ गई। दो साल चार महीने सात दिन के बाद यह साझा सरकार गिर गई। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। हालांकि बाद में कांग्रेस और राजद ने समर्थन देकर जुलाई-2013 में हेमंत सोरन को मुख्यमंत्री बना दिया और इस तरह राज्य में पहली बार जेएमएम-राजद-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी।
रघुवर दास ने राज्य में भाजपा की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि वो अगली सरकार बनने तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहेंगे। ज्ञात हो कि 20 दिसंबर को चुनाव संपन्न हो जाने के बाद एक्जिट पोल में महागठबंधन को बढ़त दिखाई गई थी। सोमवार को जब मतगणना शुरू हुई तो आरंभ में भाजपा और विपक्षी महागठबंधन की सीटें लगभग बराबर थीं, लेकिन दिन चढ़ते-चढ़ते परिणाम बदलने लगा। भाजपा अपने गढ़ में पिछडऩे लगी, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आश्चर्यजनक परिणाम लाने में कामयाबी पाई। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सहयोगी कांग्रेस पार्टी ने भी 16 सीटों पर कब्जा जमाया।
विपक्षी महागठबंधन - 47
(झामुमो 30, कांग्रेस 16, राजद 1)
भाजपा - 25
झाविमो - 03
आजसू - 02
एनसीपी - 01
भाकपा माले- 01
निर्दलीय - 02
हेमंत सोरेन के झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर शपथ लेने के दौरान इस समारोह के गवाह सभी गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और यूपीए के बड़े नेता बन सकते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शपथ समारोह के लिए सभी गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रण भेजा गया है। झामुमो, राजद और कांग्रेस महागठबंधन की ओर से हेमंत के शपथ ग्रहण समारोह को खास बनाने की मुकम्मल तैयारी की जा रही है।
झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत कर आए नए विधायकों की एक बैठक बुलाई है। यह बैठक रांची में पार्टी कार्यालय में बुलाई गई है। ऐसी उम्मीद है कि इस बैठक में पार्टी अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेगी।
झामुमो ने मंगलवार (24 दिसंबर) को पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलायी है।
सरकार की संरचना को लेकर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह और हेमंत सोरेन ने कहा है कि वे इसकी विस्तृत चर्चा के लिए दिल्ली जाएंगे और वहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत करेंगे।
हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे। हेमंत सोरेन ने कहा है कि वो इस बारे में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद शपथ ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।