Gorakhpur Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। ऐसे में गोरखपुर की लोकसभा सीट भी एक महत्वपूर्ण सीट है। यूपी की इस सीट पर भी पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने ही कब्जा जमाया। इस बार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी विरोधी दल बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेंगे।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की राजनीति में गोरखपुर लोकसभा सीट की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। यह विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस, गुरु गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका, टेराकोटा शिल्पस के लिए मशहूर तो है ही, मुंशी प्रेमचंद की कर्मस्थकली, फिराक गोरखपुरी, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की शहादत स्थली भी कही जाती है। लोकसभा हो या विधान सभा चुनाव, पिछले तीन-चार दशकों से गोरखनाथ मठ इसकी धुरी का केंद्र बना हुआ है। गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ का गृहनगर भी है, जो अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए फिर 1998 से लगातार 2017 तक लोकसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
2019 में किसने मारी बाजी
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमाया था। गोरखुपुर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रविकिशन शुक्ला 717122 वोट पाकर विजयी रथ पर सवार हुए। वह तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से यहां से जीते। रवि किशन को गोरखपुर के लोगों ने 60 फीसदी से ज्यादा वोट दिए। यहां से समाजवादी पार्टी के रामभुआल निषाद 415458 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाठी 22972 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था। हालांकि, इस बार बीजेपी ने फिर से रवि किशन पर ही दांव लगाया है और समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है।
Gorakhpur Lok Sabha Elections Results 2019 | ||
पार्टी | उम्मीदवार | वोट |
BJP | रवि किशन | 717,122 |
SP | रामभुआल निषाद | 415458 |
Congress | मधुसूदन त्रिपाठी | 22,972 |
साल 2014 में योगी आदित्यनाथ ने मारी बाजी
साल 2014 में भी गोरखपुर सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिला था। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान समय में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्वाचन हुआ था। उन्हें एनडीए ने उम्मीदवार बनाया था और सीएम ने 539127 वोट हासिल किए थे। उन्होंने राजमति निषाद को 312783 वोटों से करारी शिकस्त दी थी। उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी समाजवादी पार्टी थी। 2014 में कुल 54.67 फीसदी वोट डाले गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी ने परचम लहराया था।
जातीय समीकरण
एक समय था जब गोरखपुर और उसके आसपास की राजनीति ब्राह्मणों और ठाकुरों की जातिगत गोलबंदी के आधार पर चलती थी। लेकिन दलित और ओबीसी के उभार के बाद राजनीतिक समीकरण में बहुत अंतर आ गया है। इस क्षेत्र में पिछड़े और दलित वोटर्स की बहुलता बताई जाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पर चार लाख से ज्यादा निषाद जाति के वोट हैं। करीब दो-दो लाख यादव और दलित वोटर्स हैं। इन सभी के अलावा डेढ़ लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में डेढ़ लाख ब्राह्मण,सवा लाख क्षत्रिय मतदाता हैं। वैश्य मतदाताओं की संख्या भी काफी अच्छी मानी जाती है।