चुनाव आयोग ने पांचों चुनावी राज्यों के मुख्य सचिवों को हिदायत दी है कि जीत को सेलीब्रेट करने के लिए दिग्गज नेताओं को मजमा लगाने से रोका जाए। आयोग ने तल्ख लहजे में कहा है कि अगर कहीं कोई भीड़ जुटी तो इलाके का थामा प्रभारी सस्पेंड किया जाएगा।
रविवार को पांचों चुनावी राज्यों प. बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में मतगणना चल रही है। असम और पुदुचेरी में बीजेपी बढ़त बनाए हुए है तो केरल में वाम मोर्चा, तमिलनाडु में डीएमके और प. बंगाल में तृणमूल ने जोरदार प्रदर्शन किया है। ये सभी अपने प्रतिद्वंदियों से काफी आगे हैं और इनकी सरकार बननी तय मानी जा रही है। आयोग को लगता है कि जीत के जश्न में कोविड को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों की अवहेलना ये दिग्गज कर सकते हैं।
गौरतलब है कि चुनावी रैलियों को लेकर आयोग हाईकोर्ट के निशाने पर रहा था। मद्रास हाईकोर्ट ने तो यहां तक कह दिया था कि रैलियां हो रही थीं तो आयोग चुप क्यों रहा। क्यों ने उसके अफसरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाए। आयोग के अधिकारी भी समझ रहे हैं कि अगर कुछ गलत हुए तो उस पर गाज गिर सकती है। लिहाजा वो समय रहते जरूरी कदम उठा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि आयोग कोई चांस नहीं लेना चाहता। वो नहीं चाहता कि अदालत की गाज उस पर गिरे। कोरोना को लेकर देश में हालात बहुत जयादा खराब हैं। नए मामलों की तादाद 4 लाख से ऊपर जा पहुंची है। जीत के जश्न में मामला और ज्यादा बिगड़ सकता है। यही वजह है कि उसने पहले से हिदायत जारी कर दी है कि अगर कहीं भीड़ जुटी तो इलाके का थाना प्रभारी सस्पेंड किया जाएगा।
हालांकि, आयोग के निर्देशों का कोई खास असर होगा, हालात देखकर ये लगता नहीं है। रविवार दोपहर टीएनसी के वर्कर्स ने बीजेपी के दफ्तर में घुसने की कोशिश की। सैंकड़ों की तादाद में लोग बीजेपी के दफ्तर को निशाना बनाने पर तुले थे। दूसरे राज्यों से भी कमोवश ऐसी ही तस्वीरें सामने आ रही हैं।