Lok Sabha Election/Chunav Results 2019: इस आम चुनाव में वाम दलों ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। वाम दलों को कभी उनके गढ़ रहे पश्चिम बंगाल में  एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है। वहीं देशभर में वाम दल महज 5 सीटों पर ही सिमट कर रह गए हैं। इनमें से भी चार सीट तमिलनाडु और एक सीट केरल में मिली है। साल 2014 में वाम दलों को 10 सीटें मिली थीं।

वाम दलों को इस बार पश्चिम बंगाल में  इस बार महज 6.3 फीसदी वोट मिले। पार्टी को 2014 में 22.96 फीसदी मत मिले थे। साल 2009 से ही वाम दलों का प्रदर्शन खराब होता जा रहा है। इससे पहले साल 2004 में वाम दलों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 59 सीटें हासिल की थी। पार्टी इस साल महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत बन कर उभरी थी। इस प्रदर्शन के बूते ही वाम दल की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधनल(यूपीए-1) सरकार में काफी अहम भूमिका रही थी।

2009 में वाम दलों की सीटों की संख्या घट कर 24 हो गई थी। 2014 में पार्टी का प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में खराब रहा और पार्टी को 9 सीटों से संतोष करना पड़ा। 2004 में सीपीएम की सीटों की संख्या 44 थी जो 2009 में घटकर 16 हो गई थीं। साल 2014 में सीपीएम को महज 9 सीट मिली। इस बार सीपीएम को सिर्फ 3 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। इन 3 में दो सीट तमिलनाडु की नागापट्टीनम और त्रिप्पुर है।

तमिलनाडु से चार सीटः वाम दलों की कुल 5 में 4 सीट तमिलनाडु से जीत हासिल की है। यहां पार्टी को डीएमके की लहर का फायदा मिला है। पश्चिम बंगाल में वाम दल के सांसद और पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम को रायगंज और बद्दरुदोज्जा खान को मुर्शिदाबाद से हार का सामना करना पड़ा। मोहम्मद सलीम और खान अपनी-अपनी सीटों पर क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।

केरल में राहुल के चुनाव लड़ने का प्रभावः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड से लड़ने का प्रभाव वाम दलों पर पड़ा। राहुल ने यहां न सिर्फ बड़ी जीत हासिल की बल्कि वाम दलों को भी खासा नुकसान पहुंचाया है। वहीं, वाम दल के बेगूसराय से उम्मीदवार भी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ मुकाबले में दूसरे स्थान पर रहे।