दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी दिल्ली शराब घोटाले मामले में हुई है। ED ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। वहीं इसका लोकसभा चुनावों के नतीजों पर पड़ने की संभावना है। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी मानती है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का असर दिल्ली के प्रशासन और शासन की रूपरेखा पर भी पड़ेगा।

केजरीवाल की गिरफ्तारी से चुनाव में मिलेगी मदद: आप-कांग्रेस सूत्र

आप और कांग्रेस (जो दिल्ली में इंडिया गठबंधन के सहयोगी है) का मानना ​​है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी लोकसभा चुनावों में उसकी राजनीतिक संभावनाओं के लिए एक हथियार के रूप में काम करेगी। आप सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, “AAP अब तक इस देश के संविधान की खातिर भाजपा के खिलाफ लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट देश के लोकतंत्र की रक्षा करेगा।”

वहीं अरविंद केजरीवाल के आवास पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा, “चुनाव के समय से पता चलता है कि भाजपा हमारे गठबंधन से डरती है। लोकतंत्र ख़तरे में है। ऐसा पाकिस्तान में होता है, भारत में नहीं।”

भाजपा ने पिछले साल डीजेबी घोटाला सहित 10 घोटालों पर AAP को घेरने के लिए 400-दिवसीय रणनीति पर काम करना शुरू किया था। इसके लिए केजरीवाल को ईडी द्वारा समन भी जारी किया गया है।

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “इस गिरफ़्तारी से निश्चित रूप से दिल्ली में इंडिया गठबंधन गुट की संभावनाओं को मदद मिलेगी। दोनों पार्टियों का शहर की मलिन बस्तियों, अनधिकृत कॉलोनियों और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों में एक समान समर्थन आधार है। केजरीवाल की गिरफ्तारी से सहानुभूति की लहर दौड़ेगी जिससे हमारे वोटों को एकजुट करने में मदद मिलेगी।” हालांकि भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व कई विकल्पों पर आगे का रास्ता तय करने के लिए कानून के जानकारों के साथ काम कर रहा था।

LG का रोल अहम

बीजेपी के एक सूत्र ने कहा, “मामला अब अदालतों में पहुंच गया है, जहां अगर AAP केजरीवाल द्वारा जेल से दिल्ली पर शासन करने की अपनी रणनीति पर कायम रहती है, तो हमारे पास संवैधानिक संकट से बचने के लिए राष्ट्रपति शासन के लिए बहस करने का एक मौका है। केंद्र पहले ही कई मौकों पर कह चुका है कि चूंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, इसलिए उसे अपने कामकाज पर अधिक नियंत्रण की जरूरत है।”

आप के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि आने वाले दिनों में उपराज्यपाल को दिल्ली प्रशासन का मुखिया बनाये जाने की संभावना है। एक नेता ने कहा, “हमारा मानना ​​है कि भविष्य के लिए दिल्ली विधानसभा को निलंबित कर दिया जाएगा और दिल्ली विधानसभा चुनावों तक शासन करने के लिए भाजपा की इकाई के रूप में कार्य करेंगे।”