राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बीजेपी लगातार मेहनत कर रही है। अब खबर ये हैं कि एमपी की तरह राजस्थान में भी बीजेपी अपने कई केंद्रीय नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़वा सकती है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्टी ऐसा इसलिए भी कर रही है ताकि यह दिखाया जा सके कि वो एकजुट होकर लड़ रहे हैं, उनमें कोई मतभेद नहीं और आगामी लोकसभा चुनाव में नए चेहरे संसद भेजे जा सकें।
बीजेपी की रणनीति के बारे में बात करते हुए एक सूत्र ने बताया कि केंद्रीय नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतारने का फैसला जीतने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सीट के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन नेताओं को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जा सकता है, उनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल जैसे नेताओं के अलावा राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दिया कुमारी भी शामिल हैं।
कहा जा रहा है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व आने वाले दिनों राजस्थान में अपने उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर सकती है। एमपी और छत्तीसगढ़ की तरफ बीजेपी ने अब तक राजस्थान में एक भी नाम का ऐलान नहीं किया है। राजस्थान में बीजेपी को न सिर्फ कांग्रेस की तरफ से चैलेंज बल्कि वसुंधरा राजे की तरफ से तेवरों का भी सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों ने बताया कि राजस्थान बीजेपी स्क्रीनिंग कमेटी उम्मीदवारों के नाम तय करने की दिशा में अंतिम निर्णय लेना जा रही है। इस लिस्ट को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की मीटिंग के बाद घोषित कर दिया जाएगा।
MP की दूसरी लिस्ट में बीजेपी ने उतारे कई दिग्गज
सोमवार को मध्य प्रदेश के लिए जारी की गई दूसरी लिस्ट में बीजेपी ने 3 केंद्रीय मंत्रियों, चार सांसदों और एक नेशनल जनरल सेक्रेटरी को चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी साल 2018 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में बेहद कम अंतर हार गई थी। शिवराज सिंह चौहान करीब 18 सालों से राज्य में सीएम पद पर मौजूद हैं, ऐसे में बीजेपी एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और सीएम शिवराज के गायब होते जादू को लेकर आशंकित हैं।
वसुंधरा को मैसेज देना चाहती है BJP
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजस्थान में केंद्रीय नेताओं को उतारकर बीजेपी वसुंधरा राजे को भी यह संदेश देना चाहती है कि हो सकता है उन्हें सीएम फेस नहीं घोषित किया जाए। राज्य में सबसे लोकप्रिय बीजेपी नेता के रूप में राजे की स्थिति को देखते हुए, पार्टी में एक वर्ग इस पर जोर दे रहा है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में केंद्रीय नेताओं को उतारने की संभावना के बारे में बात करते हुए वसुंधरा राजे से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि पार्टी के लिए “एक नया नेरेटिव बनाने” में बहुत देर हो चुकी है। राजस्थान में वोटर्स का सेंटीमेंट अलग है।
राज्यवर्धन और दिया कुमारी को राजनीति में लाई थीं वसुंधरा
जिन नेताओं को केंद्रीय नेतृत्व चुनाव में उतारने का प्लान बना रहा है, उन पर बात करते हुए वसुंधरा राजे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राठौड़ और दिया कुमारी को खुद पूर्व सीएम वसुंधरा सियासत में लेकर आई थीं। उन्होंने दावा किया कि इन दोनों के लिए ही बिना वसुंधरा की सपोर्ट के जीतना मुश्किल होगा। पूर्व सीएम ने गजेंद्र शेखावत को भी 2019 के चुनाव में अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से पार पाने में मदद की। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी 2019 के बाद से हुए 9 में से 8 उपचुनाव हारी है। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखना चहिए कि राजस्थान अन्य राज्यों से अलग है और वोटर हिसाब मांगते हैं। हमें ऐसे नेताओं की जरूरत है जो डिलीवर करें।