Bihar Elections 2020 से पहले सूबे में दल-बदल की राजनीति जोरों पर हैं। शनिवार को इसी क्रम में यूपी की पूर्व सीएम मायावती के नेतृत्व वाली BSP (बहुजन समाज पार्टी) को तगड़ा झटका लगा। बिहार बसपा प्रमुख भरत बिंद ने लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली RJD ज्वॉइन कर ली। भारत बिंद ने बसपा का साथ ऐसे समय छोड़ा है, जब पार्टी रालोसपा के साथ नया मोर्चा बनाकर बिहार चुनाव में उतर रही है।

तेजस्वी यादव ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय में भरत बिंद को पार्टी की सदस्यता दिलायी। राजद में शामिल होने के बाद भारत बिंद ने कहा कि नया बिहार बनाने और भ्रष्ट, युवा विरोधी नीतीश सरकार को हटाने के संकल्प के साथ वो आरजेडी में शामिल हुए हैं। भरत बिंद को राजद में शामिल कराकर तेजस्वी यादव ने ना सिर्फ मायावती को बल्कि रालोसपा चीफ उपेन्द्र कुशवाहा को भी झटका दिया है।

दरअसल सीटों के बंटवारे से नाराज होकर उपेन्द्र कुशवाहा ने बीते दिनों महागठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया था और बसपा के साथ मिलकर नए मोर्चे का गठन कर लिया था। माना जा रहा है कि कुशवाहा बसपा के साथ गठबंधन करके दलित और ओबीसी वोटों को लामबंद करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। लेकिन अब बसपा के प्रदेश प्रमुख के ही राजद में शामिल होने से कुशवाहा की इस मुहिम के लिए परेशानी खड़ी होना स्वभाविक है।

बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में दलित वोटबैंक पर सभी राजनैतिक पार्टियों की नजर है। खासकर राजद अपने परंपरागत मुस्लिम और यादव वोटबैंक के साथ ही दलित मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है। इसी के लिए राजद ने बीते दिनों श्याम रजक जैसे बड़े दलित नेताओं को अपने साथ जोड़ा था।

वहीं नीतीश सरकार की तरफ से भी कई योजनाएं चलाकर और चुनाव में उनका जमकर प्रचार कर दलित मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। बसपा का बिहार की कुछ सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव है। ऐसे में भरत बिंद का राजद में शामिल होना पार्टी के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। बता दें कि रालोसपा के साथ गठबंधन के बाद बसपा राज्य की 90 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।