भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह के काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद से यह निर्वाचन क्षेत्र न केवल और सुर्खियों में आ गया बल्कि मुकाबला भी कांटे का हो गया है। सिंह की उम्मीदवारी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पारंपरिक समीकरणों को बिगाड़ दिया है। अपनी ‘स्टार’ अपील पर भरोसा करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लेने वाले सिंह को इसकी कीमत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासन के तौर पर चुकानी पड़ी है।

हालांकि पवन सिंह की दावेदारी ने मुकाबले को बहुकोणीय बनाते हुए राजग उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढा दी हैं। वर्ष 2008 के परिसीमन में रोहतास और औरंगाबाद जिलों के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों को शामिल करते हुए गठित काराकाट में वर्ष 2019 में महाबली सिंह (जदयू) और 2014 में उपेंद्र कुशवाहा (रालोसपा) ने जीत दर्ज की थी।

इस बार इस सीट से राजग उम्मीदवार के तौर पर उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं। जबकि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से भाकपा-माले ने पूर्व विधायक राजा राम सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। राजा राम सिंह कुशवाहा 1990 के दशक के अंत में औरंगाबाद जिला अंतर्गत ओबरा विधानसभा सीट पर दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं। पवन सिंह, उपेंद्र कुशवाहा और राजा राम कुशवाहा के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन(एआइएमआइएम) ने भी यहां उम्मीदवार उतारा है।

एआइएमआइएम के स्थानीय जिला परिषद सदस्य प्रियंका चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने से इस सीट पर अब लडाई बहुकोणीय हो गई है। हैदराबाद के सांसद ओवेसी चौधरी की जीत सुनिश्चित करने के लिए उनके पक्ष में हाल ही में एक चुनावी सभा भी कर चुके हैं। इस सीट से पदार्पण करने वाले उपेंद्र कुशवाहा को 2014 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह मिली थी। राजग से अलग हुए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख कुशवाहा 2019 के लोकसभा चुनाव में महाबली सिंह से पराजित हो गए थे।

रालोसपा का जदयू में विलय करने और फिर उससे अलग होकर राष्ट्रीय लोक मोर्चा का गठन करने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, मुझे यकीन है कि काराकाट के लोगों को मेरे पांच साल के कार्यकाल में यहां के विकास को लेकर किये गए मेरे प्रयास याद होंगे। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख ने दावा किया, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के रूप में मैंने काराकाट के कई बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाने में मदद की। मैं हमेशा सभी जातियों और समुदायों के लोगों की मदद के लिए तत्पर रहा।

नामांकन के दौरान सभी प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा भीड़ आकर्षित करने वाले अभिनेता पवन सिंह खुद की तुलना महाभारत के चरित्र ‘अभिमन्यु’ से करते हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि महाभारत के उक्त पात्र के विपरीत, वह इस चुनावी चक्रव्यूह को तोडकर विजयी होंगे। सिंह ने नामांकन के बाद काराकाट के विकास के लिए अपना 20 मुद्दों वाला ‘वचन पत्र’ जारी किया।

सिंह ने कहा, काराकाट के लिए मैने वचन पत्र जारी किया है, जिसमें अन्य चीजों के अलावा मैने फिल्म निर्माण और पर्यटन को प्रोत्साहन के लिए अपना विजन प्रस्तुत किया है। इसके लिए यहां पूरी संभावनाएं हैं, क्योंकि यह क्षेत्र पहाड़ों, जंगलों और झरनों से भरा है। निकटवर्ती भोजपुर जिले से आने वाले अभिनेता से नेता बने सिंह ने अपनी प्राथमिकताओं में डालमियानगर टाउनशिप में मरणासन्न औद्योगिक इकाइयों के पुनरुद्धार को भी सूचीबद्ध किया है जिसके जीर्णोद्धार को लेकर रोहतास के पुराने निवासी अब निराश हो चुके हैं।

हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि राजग को यह अहसास हो गया है सवर्ण जाति राजपूत से आने वाले सिंह भाजपा के आधार वोटों में सेंध लगा सकते हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार किया है, भले ही उनकी पार्टी यहां चुनाव नहीं लड़ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री ने इस निर्वाचन क्षेत्र में राजग उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करते हुए नक्सली हिंसा की भयावहता को बताया और आरोप लगाया कि भाकपा माले के उम्मीदवार की जीत से फिर से यहां घोर वामपंथी गुरिल्लाओं और भूमि मालिकों के निजी मिलिशिया के बीच खूनी लड़ाई शुरू हो सकती है।

मध्य बिहार के अधिकांश हिस्सों में पकड़ रखने वाली भाकपा माले के राजा राम कुशवाहा को अपनी पार्टी के कैडर पर भरोसा होने के साथ अपने वरिष्ठ सहयोगी राजद का भी ठोस समर्थन प्राप्त है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने काराकाट में सूपड़ा साफ किया था, जिसमें राजद ने पांच विधानसभा सीट और भाकपा ने एक सीट जीती थीं।

काराकाट जहां लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के तहत एक जून को मतदान होगा, महागठबंधन अल्पसंख्यक मतों के विभाजन को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। ओवैसी की पार्टी के चुनाव मैदान में आ जाने से यहां अल्पसंख्यक मतों के विभाजन की संभावना उत्पन्न हुई है।

काराकाट में भीड़ का हंगामा, बैरिकेड व कुर्सियां तोड़ डालीं

नई दिल्ली, जनसत्ता: लोकसभा चुनाव में बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी व भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह के प्रचार के लिए मंगलवार को भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव के पहुंचते ही हंगामा होने लगा। दोनों भोजपुरी अभिनेताओं की एक झलक पाने के लिए बेकाबू भीड़ ने बैरिकेड और कुर्सियां तोड़ दीं। अपने लोकप्रिय अभिनेताओं को देखने के लिए कुछ लोग खेसारी लाल की एसयूवी पर भी चढ़ गए।

काराकाट लोकसभा क्षेत्र के बिक्रम इंटर कालेज मैदान में मंगलवार को एक सभा को संबोधित करने के लिए खेसारी लाल यादव के पहुंचते ही समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ बेकाबू हो गई और कुछ लोग कुर्सियां इधर-उधर फेंकने लगे। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि कुछ लोग बैरिकेड तोड़ते हुए मंच के नजदीक पहुंच गए। कुछ लोग तो खेसारी लाल यादव की एसयूवी की छत पर चढ़ गए और हंगामा करने लगे। काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सातवें चरण में एक जून को मतदान होगा। इस सीट पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के टिकट पर राजग प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा, इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजाराम सिंह कुशवाहा और पवन सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।