बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने खुद सभी प्रत्याशियों की घोषणा की। बंगाल की बिष्णुपुर लोकसभा से टीएमसी ने सुजाता मंडल को उम्मीदवार बनाया है। इसी सीट से बीजेपी ने सौमित्र खान को उम्मीदवार बनाया है।
बिष्णुपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं सौमित्र खान
सौमित्र खान वर्तमान में बिष्णुपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं। सुजाता मंडल उनकी पूर्व पत्नी रह चुकी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सौमित्र खान को भाजपा ने विष्णुपुर लोकसभा सीट से उतारा था, तब सुजाता मंडल ने घर-घर जाकर प्रचार किया था। लेकिन बंगाल विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ही यह जोड़ा अलग हो गया।
दरअसल सुजाता मंडल ने तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था और सौमित्र खान ने उनके ऐसा करते ही कैमरे पर सुजाता को तलाक देने की घोषणा कर दी थी। सौमित्र खान 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। उसके पहले वह तृणमूल कांग्रेस में थे। अब इस सीट पर लड़ाई भी दिलचस्प हो गई है क्योंकि पूर्व पति-पत्नी आमने-सामने होंगे।
टिकट मिलने के बाद सुजाता मंडल ने कहा, “मेरे नेतृत्व को पता है कि मैं बिष्णुपुर में 24 घंटे 365 दिन इलाके में रहूंगी। इससे पहले जिला परिषद के चुनाव में जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है। मुझे विश्वास है कि बिष्णुपुर लोकसभा की जनता भी मुझ पर भरोसा करेगी और मुझे आशीर्वाद देगी।”
मेरे लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई- सुजाता मंडल
सौमित्र खान पर निशाना साधते हुए सुजाता ने कहा कि अब प्रतिष्ठा की लड़ाई है। उन्होंने कहा, “सौमित्र पिछले 5 साल से सांसद थे। बिष्णुपुर के लोग जिन्होंने मेरी बातों पर भरोसा किया, उन्हें इलाके में नहीं देखा गया। वह मेरी गलती थी। मैं क्षमाप्रार्थी हूं। मुझे उम्मीद है कि इस बार बिष्णुपुर जिले के लोग मुझ पर भरोसा करेंगे।”
सौमित्र खान ने किया पलटवार
वहीं सुजाता पर पलटवार करते हुए बिष्णुपुर लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी सौमित्र खान ने कहा, “तृणमूल मेरे खिलाफ किसी राजनीतिक व्यक्ति को नहीं उतार सकती, क्योंकि वे जानते हैं कि वे हारेंगे। बिष्णुपुर में फिर से कमल का फूल खिलेगा।
1 जुलाई 2016 को बिष्णुपुर लोकसभा के सांसद सौमित्र खान और बाराजोरा की रहने वाली सुजाता मंडल ने लव मैरज किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सौमित्र तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। चूंकि सौमित्र खान कोर्ट के प्रतिबंध के कारण अपने क्षेत्र में नहीं जा सके, इसलिए सुजाता ने अपने पति की ओर से प्रचार किया था।