चुनाव आयोग ने 17वां लोकसभा का चुनाव सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है। सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इस बात की घोषणा रविवार को की। लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने के कुछ घंटे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव में आरएसएस से उनका समर्थन मांगा।

अमित शाह ने ग्वालियर के केदारधाम में सरस्वती शिशु मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष निर्णय लेने वाले अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक के लिए इकट्ठा हुए आरएसएस और इसके विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों से मुलाकात की। यह पूछे जाने पर कि क्या शाह ने चुनाव के लिए संघ का समर्थन मांगा, आरएसएस सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि एक राजनीतिक दल के नेता के रूप में, यह शाह का काम है कि वे सभी से समर्थन मांगें। जोशी ने कहा, “उन्होंने हमसे भी समर्थन मांगा है।” एक अन्य आरएसएस पदाधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शाह ने बैठक में पिछले एक साल में देश भर में पार्टी के संगठनात्मक विस्तार के बारे में बात की। सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार पर उन्होंने बात कोई नहीं की।

बता दें मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को कहा कि चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है और यह सरकार और राजनीतिक पार्टियों पर तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद सरकार न तो कोई नीतिगत निर्णय ले सकती है और न किसी नई परियोजना की घोषणा ही कर सकती है।अरोड़ा ने अन्य दो निर्वाचन आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव भी होंगे। लेकिन जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव की पार्टियों की मांग सुरक्षा कारणों से नहीं मानी गई है। इसके अलावा 12 राज्यों में 34 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी साथ में कराए जाएंगे, जिसमें 18 सीटें तमिलनाडु की हैं, जो सत्ताधारी एआईएडीएमके का राज्य में भविष्य तय करेंगी।