NEET UG 2024 Highlights: नीट यूजी 2024 विवाद (NEET UG 2024 Row) मामले में आज 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में तीन सदस्यों वाली बेंच की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने किया। जिन्होंने आज याचिकाकर्ताओं के अलावा एनटीए और केंद्र सरकार का पक्ष सुनने के बाद दोबारा परीक्षा न कराने का फैसला सुनाया।
नीट यूजी 2024 विवाद मामले की सुनवाई कर रही बेंच में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) के अलावा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) भी शामिल हैं। यह पीठ आज सुबह 10:30 बजे नीट से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई शुरू की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसजी को निर्देश दिया कि वे उन्हें भौतिकी के प्रश्न का सही उत्तर प्रदान करें। आईआईटी-दिल्ली की तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति एनसीईआरटी के उस प्रश्न का उत्तर देगी जिसके कारण 44 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हुड्डा ने शीर्ष अदालत को बताया कि पेपर लीक व्हाट्सएप के माध्यम से हुआ था, इसलिए यह असंभव है कि यह केवल बिहार के पटना तक ही सीमित था। उन्होंने कहा, “राजस्थान से सॉल्वर लिए गए थे। व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसार किया गया था। यह संभव नहीं है कि लीक केवल पटना तक ही सीमित हो।” उन्होंने आगे कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय “नीट को फिर से कराने पर विचार नहीं कर रहा है, तो कम से कम योग्य लोगों को फिर से परीक्षा देने के लिए कहा जाना चाहिए, जिनकी संख्या लगभग 13 लाख होगी।”
लंच ब्रेक से पहले, एनटीए के वकील, सॉलिसिटर जनरल ने स्वीकार किया कि देश भर के आठ केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र पुस्तिकाएँ वितरित की गई थीं, लेकिन “कठिनाई का स्तर समान स्तर का है,” इसलिए एनटीए ने छात्रों को गलत प्रश्न पुस्तिका के लिए उपस्थित होने देना उचित समझा। एनटीए के वकील ने स्वीकार किया कि केनरा बैंक का पेपर पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 3000 से थोड़ी अधिक है।
अधिवक्ता हुड्डा ने कहा कि 69 छात्रों ने 650 से अधिक अंक प्राप्त किए तथा 241 ने 550 से अधिक अंक प्राप्त किए। “इन स्कूलों के मालिक उनके शहर समन्वयक हैं। ये निजी स्कूल हैं तथा निरीक्षक इन निजी स्कूलों के शिक्षक हैं तथा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोचिंग सेंटरों तथा निजी स्कूलों के बीच सांठगांठ हो सकती है…यह पूरी तरह से निजीकृत है। सीकर में 48 निजी स्कूल हैं जो केवल सीबीएसई से संबद्ध हैं, सीबीएसई द्वारा संचालित नहीं हैं।” सीजेआई ने पूछा कि क्या यह “सीकर में परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने या परीक्षा रद्द करने का आधार है?”
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, स्नातक (नीट यूजी) 2024 में कथित अनियमितताओं से संबंधित लगभग 40 याचिकाओं पर सुनवाई की थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने आज नीट यूजी पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट का कहना है कि पेपर कैंसिल नहीं होगा औऱ ना ही दोबारा पेपर होगा। इसी बीच खबर है कि कल नीट यूजी की काउंसलिंग हो सकती है।
एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर निशाने पर है। एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल संबंधी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) आयोजित करती है। पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23.33 लाख छात्रों ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा दी थी। इनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।
पीठ ने 20 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फैसले के प्रभावी हिस्से को लिखा और कहा कि विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जाएगा।
नीट यूजी पर बड़ा फैसला, CJI ने कहा- पेपर लीक का पर्याप्त रिकॉर्ड नहीं, कोर्ट ने और क्या कहाhttps://www.jansatta.com/education/neet-2024-ug-supreme-court-neet-exam-papaer-leak-scam-case-no-neet-re-test-latest-news-in-hindi/3486617/
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित रूप से लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है। सीजेई डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित विभिन्न वकीलों की दलीलें करीब चार दिनों तक सुनीं।
NTA NEET UG 2024 सुप्रीम कोर्ट सुनवाई लाइव: क्या NEET दोबारा परीक्षा होगी?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आज घोषणा की कि एनईईटी दोबारा परीक्षा नहीं होगी क्योंकि 'रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर इस अदालत द्वारा प्रतिपादित तय सिद्धांतों को लागू करने पर पूरी परीक्षा को रद्द करने का आदेश देना उचित नहीं है।'
न्यायालय ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद आंकड़े नीट-यूजी 2024 के प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देते हैं।
नीट यूजी मामले पर फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा दोबारा आयोजित की नहीं जाएगी। जानिए कोर्ट ने और क्या कहा।
नीट यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट अब भी सुनवाई कर रहा है। आमतौर पर 4 बजे के बाद कार्यवाही बंद हो जाती है। ऐसे में माना जा रहा है कि आज ही कोर्ट का कोई बड़ा फैसला आ सकता है। याचिकाकर्ता लगातार पेपर को दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था। उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए। पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता।
उन्होंने आगे कहा कि जब उस आरोपी को अरेस्ट भी नहीं किया था, तब उसका वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में वह कह रहा है कि पेपर ट्रंक यानी पेटी में जाने से पहले ही लीक हो चुका है।
याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने सुनवाई के दौरान कहा है कि CBI की रिपोर्ट के मुताबिक पेपर लीक सुबह 8:02 बजे से 9:23 के बीच हुआ। जबकि 10 से 12 बजे के बीच स्टूडेंट्स ने पेपर पढ़ा और जवाब याद किए।
नीट यूजी पेपर लीक मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील सुप्रीम कोर्ट में सीजेएआई समेत जजों के सामने री-एग्जाम पर अड़ गए हैं। याचिकाकर्ता के एक वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा है कि जिन्होंने एग्जाम दिया उन सभी स्टूडेंट्स के पास आधार कार्ड होगा ही, लेकिन फिर भी उनसे सेंटर बदलने के लिए डॉक्युमेंट्स नहीं मांगे गए। ऐसे में एग्जाम की पवित्रता खराब हुई है, री-एग्जाम होना ही चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय में बहस के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा अपनी बात कहना के लिए उठे। तभी CJI ने उन्हें एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा के बाद बोलने को कहा। बस इसी बात से नाराज मैथ्यूज गैलरी में आ गए तो CJI नाराज हो गए।
CJI ने कहा- आप इस तरह उठकर गैलरी में नहीं जा सकते। कोई सिक्योरिटी को बुलाओ। इस पर एडवोकेट मैथ्यूज कोर्ट रूम छोड़कर चले गए।
नीट यूजी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही बहस के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता के वकीलों को फटकार लगाई है। जानकारी ये भी है कि वकीलों ने कोर्ट रूम से बाहर जाने का फैसला कर लिया। कोर्ट रूम से जाने को लेकर सीजेआई ने वकीलों को लताड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से दलील पेश कर रहे वकील नरेंद्र हुड्डा का कहना है कि गैंगस्टर संजीव मुखिया पेपर लीक का मुख्य आरोपी है। पेपर लीक हुआ है और व्हाट्सएप के जरिए फैला भी है। ये कह रहे हैं कि इससे सिर्फ हजारीबाग और पटना के लोगों को फायदा हुआ क्योंकि आरोपियों ने एजेंसी को यही बयान दिया है।
नीट यूजी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान एनटीए की ओर से दलील दे रहे सॉलिसिटर जनरल ने सीबीआई की रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि 5 मई को ओएसिस स्कूल में सुबह 7:53 बजे कंट्रोल रूम में दो बॉक्स की इमेज CCTV फुटेज में दिख रही है। लेकिन, एग्जाम से पहले क्वेश्चन पेपर बांटने के लिए जब ये बॉक्स दोबारा खोले जाने थे तो ये अपनी जगह पर नहीं थे, बल्कि थोड़ी दूरी पर रखे थे। उनकी दलील से ये पता चलता है कि बॉक्स से छेड़छाड़ की गई है।
नीट यूजी पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला कभी भी आ सकता है। इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई जारी है। बहस के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने ये माना है कि परीक्षा लीक तो हुई थी। ऐसे में दोबारा परीक्षा भी आयोजित हो सकती है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने लंच से पहले सुनवाई के दौरान कहा था कि सॉल्वर्स के पास पेपर सॉल्व करने के लिए 45 मिनट का समय था। लेकिन, अब ऐसा लग रहा है कि सॉल्वर्स के पास पेपर सुबह 8:30 बजे से मौजूद था।
इस पर एनटीए ने जवाब देते हुए कहा कि पेपर उन तक 9:24 पर पहुंचा। फिर सीजेआई ने जवाब में कहा- लेकिन, फिलहाल हमारे पास मुख्य आरोपी का फोन नहीं है, जिससे ये बात साबित हो सके।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने NEET UG 2024 में कथित अनियमितताओं से संबंधित लगभग 40 याचिकाओं पर सुनवाई को फिर से शुरू कर दिया है, जिसमें जल्द ही कोई बड़ा फैसला आने की उम्मीद है।
नीट यूजी परीक्षा 20234 में जिन 1563 उम्मीदवारों को पहले प्रतिपूरक/ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, उनमें से केवल 813 उम्मीदवार ही 23 जून को दोबारा परीक्षा में शामिल हुए।
सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी 2024 विवाद पर चल रही सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ अब दोपहर भोजन के बाद, यानी दोपहर 2 बजे करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी पेपर लीक मामले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है, ‘अब हमें पता चल गया है कि परीक्षा लीक हुई थी और इसकी शुरुआत हजारीबाग से हुई थी और पटना तक पहुंच गई थी,’
सुप्रीम कोर्ट की बेंच अब पेपर लीक के संबंध में सीबीआई जांच रिपोर्ट पर चर्चा कर रही है, जबकि सॉलिसिटर जनरल यह प्रस्तुत कर रहे हैं कि किस तरह सात-स्तरीय सुरक्षा प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
नीट यूजी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। पेपर लीक को लेकर यह मांग की जा रही है कि इस परीक्षा को दोबारा आयोजित कराया जाए। इस पर सर्वोच्च न्यायालय आज फैसला सुना सकता है। जजों के बीच भी इसको लेकर बहस जारी है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘कुल 14,000 छात्रों ने शहर बदलने के लिए आवेदन किया था, जिन्हें 4020 केंद्रों में बांटा गया है।’ उन्होंने कहा कि कई छात्रों द्वारा पहले अवसर पर पंजीकरण न करा पाने के बाद आवेदन विंडो को फिर से खोला गया।
जिन 1563 उम्मीदवारों को पहले प्रतिपूरक/ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, उनमें से केवल 813 उम्मीदवार ही 23 जून को दोबारा परीक्षा में शामिल हुए।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, "एनटीए के महानिदेशक (डीजी) की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत की जाती है। इसके अलावा, एनटीए में प्रतिनियुक्ति पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या वर्तमान में 22 है। संविदा कर्मचारियों की संख्या 39 है और आउटसोर्स कर्मचारियों या कर्मचारियों की संख्या 132 है। एक कर्मचारी को उसके मूल विभाग से एनटीए में शामिल किया जाता है।"
सॉलिसिटर जनरल ने दावा किया है कि, इस बार गोधरा से किसी को भी प्रवेश नहीं मिलेगा,
एनटीए ने यह साबित करने की कोशिश की कि कोई बड़े पैमाने पर पेपर लीक नहीं हुआ है। एनटीए का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल ने कई शहरों की सफलता दर से संबंधित डेटा प्रस्तुत किया है ताकि यह साबित किया जा सके कि किसी विशेष शहर की सफलता दर में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है। न्यायाधीश डेटा पर चर्चा कर रहे हैं।