डिजिटल दुनिया में कई ऐसे करिअर विकल्प हैं जहां भरपूर कमाई के अवसर मौजूद हैं। उन्हीं विकल्पों में से एक है एसईओ यानी सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन। इसकी अहमियत लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि यह इंटरनेट और डिजिटल दुनिया की जरूरत है। किताब खरीदने के लिए जब हम किसी ‘बुकस्टाल’ पर जाते हैं तो हमारा ध्यान उन किताबों की तरफ पहले जाता है जो सबसे ऊपर और प्रमुखता से दिख रहीं होती हैं। ऐसा ही कुछ तब भी होता है जब हम वस्तुओं या सेवाओं को आनलाइन प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

ब्राउजर में खोज करते ही जो सूचना, उत्पाद, कंपनी या सेवा सबसे पहले दिखाई पड़ती है, उस पर क्लिक करने और उस सेवा के इस्तेमाल के मौके बढ़ जाते हैं। सेवा प्रदाता कंपनी के पास चाहे कितने ही अच्छे आफर हों, या उसका उत्पाद कितना ही उत्कृष्ट क्यों न हो। यदि वह खोजी गई सूची में दिखाई न दे तो उसके अपने प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ जाने का खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे में बड़ी तादात में उन विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है जो उपभोक्ता और उत्पादक के बीच कड़ी का काम करें। इंटरनेट की भाषा में ऐसे लोग एसईओ विशेषज्ञ कहलाते हैं। अगर आप इसमें विशेषज्ञ हैं तो आपको इस क्षेत्र में नौकरी के ढेरों अवसर मिल सकते हैं। अगर आप भी एसईओ विशेषज्ञ बनकर काम करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि एसईओ विशेषज्ञ क्या काम करते हैं, आपको क्या करना चाहिए।

एसईओ विशेषज्ञ बनने की पात्रता

किसी भी विषय से 12वीं करने के बाद एसईओ का प्रशिक्षण लिया जा सकता है। कम्प्यूटर की व्यवहारिक जानकारी और वेबसाइट आपरेशन और संचालन की थोड़ी बहुत जानकारी से भी एसईओ पाठ्यक्रम में दाखिला मिल जाता है। हालांकि स्रातक होने से किसी राष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ फुल टाइम जुड़ने का मौका मिलना आसान हो जाता है।

आय

रोजगार के अवसरों से भरपूर यह क्षेत्र आज भी उतनी चर्चा में नहीं है जितना की होना चाहिए। शार्ट टर्म में किये जा सकने वाले एसईओ की जानकारी हो जाने के बाद काम करने के बहुत सारे विकल्प मिलते हैं। इस काम को बतौर फ्रीलांसर, कंसल्टेंट या पार्ट टाइम व फुल टाइम नौकरी कर किया जा सकता है। चूंकि बड़े-छोटे लगभग सभी संस्थानों व कंपनियों को वेबसाइट और आनलाइन मार्केटिंग की जरूरत है इसलिए एसईओ की मांग भी भारी तादाद में है। बतौर एसईओ पार्ट टाइम काम कर आराम से 30-40 हजार रुपए व फुल टाइम 50-70 हजार रुपए मासिक कमाया जा सकता है।

पाठ्यक्रम

एसईओ का प्रशिक्षण आमतौर डिजिटल मार्केटिंग पाठ्यक्रम के तहत दिया जाता है। अलग से केवल एसईओ के प्रशिक्षण का विकल्प भी मौजूद है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डेढ़ महीने से छह महीने तक के होते हैं और विशेषज्ञता और जरूरत के आधार पर पाठ्यक्रमों का चुनाव किया जा सकता है। ये पाठ्यक्रम आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यमों में कराए जाते हैं। इन पाठ्यक्रमों की फीस भी 15-20 हजार से शुरू हो जाती है। एडवांस कोर्स के लिए 50 हजार तक का शुल्क देना पड़ सकता है। कुछ संस्थान बेसिक प्रशिक्षण मुफ्त में भी देते हैं लेकिन एडवांस कोर्स के लिए शुल्क देना पड़ता है।

प्रमुख संस्थान

लिप्स इंडिया-मुंबई, पुणे और बंगलुरु। डिजिटल विद्या, दिल्ली। दिल्ली स्कूल आफ डिजिटल मार्केटिंग। सीआइआइएम, चंडीगढ़।

-अविनाश चंद्रा, लोक नीति के जानकार