युवा लेकिन मजबूत मुंबई की टीम बुधवार से यहां शुरू होने वाले रणजी ट्राफी फाइनल में जहां 41वें खिताब के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी वहीं सौराष्ट्र की निगाह भी घरेलू क्रिकेट के इस सबसे बड़े पुरस्कार पर टिकी हुई है। मुंबई इस चोटी के घरेलू टूर्नामेंट में 45वीं बार फाइनल खेलने के लिए उतरेगा। वहीं सौराष्ट्र का यह केवल दूसरा फाइनल है। संयोग से सौराष्ट्र का 2012-13 में पहला खिताब जीतने का सपना मुंबई ने ही चकनाचूर किया था।
सौराष्ट्र तब पहली और आखिरी बार खिताब के करीब पहुंचा था। मुंबई ने वह मैच पारी और 125 रन से जीतकर अपना 40वां खिताब हासिल किया था। अब तीन सत्र बाद एक बार फिर से दोनों टीमें खिताब के लिए आमने-सामने हैं। सौराष्ट्र को उस टीम के खिलाफ जीत दर्ज करने के लिए कुछ खास प्रदर्शन करना होगा जिसने बाकी टीमों के कुल खिताब से भी अधिक बार यह चैंपियनशिप जीती है।
रिकार्ड के लिए बता दें कि 1990-91 के बाद मुंबई ने दस फाइनल खेले हैं। इनमें से किसी में उसे हार नहीं मिली। मुंबई की टीम में पांच ऐसे खिलाड़ी हैं, जो इससे पहले फाइनल में खेल चुके हैं। इनमें आदित्य तारे, अभिषेक नायर, धवल कुलकर्णी, शार्दुल ठाकुर और विशाल दाभोलकर शामिल हैं।
सौराष्ट्र की अंतिम एकादश में कम से कम सात खिलाड़ी ऐसे हो सकते हैं जिन्होंने पिछली बार फाइनल में शिरकत की थी। इनमें सागर जोगियानी, अर्पित वासवदा, शेल्डन जैकसन, जयदेव शाह, कमलेश मकवाना, जयदेव उनादकट और धर्मेंद्र जडेजा शामिल हैं। पिछले फाइनल में सलामी बल्लेबाज के रूप में खेलने वाले शितांशु कोटक इस बार टीम के कोच हैं। इस सत्र में शेल्डन जैकसन ने टीम की तरफ से सर्वाधिक 525 रन बनाए हैं। लेकिन उसकी बल्लेबाजी का दारोमदार चेतेश्वर पुजारा पर टिका रहेगा, जिन्होंने असम के खिलाफ टीम की दस विकेट से जीत में शतक जड़ा था। अनुभवी जयदेव शाह और सागर जोगियानी भी मुंबई के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। सौराष्ट्र के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भी इस सत्र में रन बनाए हैं।
जहां तक मुंबई की बल्लेबाजी का सवाल है, तो उनके पास श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार यादव जैसे अच्छे बल्लेबाज हैं। अखिल हेदवादकर टीम को अच्छी शुरुआत देते रहे हैं। कप्तान आदित्य तारे भी विश्वसनीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने पिछले मैच में शतक जमाया था। इस बार सर्वाधिक रन बनाने वाले अय्यर (1204 रन) और हेरवादकर ( 879 रन) 2012-13 में खेलने वाली टीम का हिस्सा नहीं थे। मुंबई की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। अनुभवी उनादकट (36 विकेट) और आफ स्पिनर मकवाना (33 विकेट) और बाएं हाथ के स्पिनर धर्मेंद्र जडेजा (27 विकेट) की यहां परीक्षा होगी। वहीं असम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाले बाएं हाथ के गेंदबाज हार्दिक राठौड़ सौराष्ट्र के पास एक और विकल्प हैं। मुंबई की गेंदबाजी अगुवाई शार्दुल ठाकुर (33 विकेट) करेंगे। उनके अलावा अनुभवी धवल कुलकर्णी, विशाल दाभोलकर और बलविंदर संधू हैं। संधू ने मध्य प्रदेश के खिलाफ सेमीफाइनल में पांच विकेट लिए थे। इकबाल अब्दुल्ला के रूप में टीम के पास अनुभवी स्पिनर है।