देश-विदेश में हो रही असहिष्णुता पर बहस के बीच हिंदू महासभा ने रविवार को राष्ट्रपति महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड्से का बलिदान मनाया। इतना ही नहीं, गोड्से की अच्छाइयों को बताने के लिए हिंदू महासभा ने एक वेबसाइट लॉन्च कि का दावा किया है। इसके अलावा 15 नवंबर को देशभर में 120 जगहों पर महासभा के सदस्यों ने हवन भी कराया।
हिंदू महासभा से जुड़े विश्व हिंदूपीठ के अध्यक्ष मदन आचार्य ने कहा, ‘हमने यह वेबसाइट इसलिए लॉन्च की है, ताकि देशवासी गोड्से के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करें और यह तय कर सकें कि उनका चरित्र कैसा था?’ उन्होंने बताया कि नाथूराम गोड्से की किताब- ‘गांधी वध क्यों?’ और उनके भाई की किताब- ‘गांधी वध और मैं’ जल्द ही साइट पर अपलोड कर दी जाएंगी। इस विवादित मामले से स्वयं सेवक संघ ने खुद को अलग कर लिया है। आरएसएस के नेता एमजी वैद्य ने कहा कि गोड्से, गांधी का हत्यारा था और उसके सम्मान का समर्थन नहीं किया जा सकता। वैद्य ने कहा कि गांधीजी जैसे महान व्यक्ति की हत्या को बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता।
दूसरी ओर सियासी दल यह सवाल पूछे रहे हैं- महात्मा गांधी के हत्यारा था तो फिर उसका सम्मान क्यों? गौरतलब है कि हिंदू महासभा और महराणा प्रताप बटालियन जैसे संगठन 15 नवंबर को बलिदान दिवस के तौर पर मना रहे हैं। गोड्से को इसी दिन फांसी दी गई थी। हिंदू महासभा के खिलाफ मुंबई में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। वहीं, लेफ्ट, जेडीयू और एनसीपी भी आगबबूला हो रही हैं। उन्होंने भी बलिदान दिवस मनाने का विरोध किया है। वहीं, बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस ओछी राजनीति पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी गोड्से को हत्यारा मानती है और इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए।